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जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल से मरीजों का बुरा हाल: इमरजेंसी से लौटाए मरीज, खुद बदलनी पड़ी पट्टी, अल्ट्रासाउंड ठप

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सार

नीट पीजी काउंसिलिंग 2021 कराने की मांग को लेकर आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में जूनियर चिकित्सकों ने सेवाओं का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है।

एसएन मेडिकल कॉलेज में आए मरीज
– फोटो : अमर उजाला

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आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को ओपीडी और आईपीडी के साथ इमरजेंसी, आईसीयू, ऑपरेशन थिएटर, एनेस्थीसिया, रेडियो डायग्नोस्टिक व अन्य सेवाओं का भी बहिष्कार कर दिया। इससे मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई। इमरजेंसी में पहुंचने वाले सभी मरीजों को भर्ती नहीं किया। भर्ती कुछ मरीजों को घर भेज दिया गया। न्यू सर्जरी बिल्डिंग में अल्ट्रासाउंड पूरी तरह से ठप हो गया। एक भी मरीज का अल्ट्रासाउंड नहीं किया गया। मरीजों को खुद ही पट्टी करनी पड़ी। 
घर वापस चले गए मरीज
अलीगढ़ के इगलास निवासी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने अपनी मां मोहन देवी को मंगलवार की शाम छह बजे इमरजेंसी में भर्ती कराया था, उन्हें पेड़ू और कमर में दर्द था। सुबह सात बजे इमरजेंसी से बाहर कर दिया गया। दवाएं दे दी गईं। दोपहर करीब 12 बजे तक मोहन देवी इमरजेंसी के बाहर ही लेटी रहीं। दर्द से कराहती रहीं। बाद में उन्हें वापस घर ले गए। वहीं, मंगलवार को एक्सप्रेसवे बस दुर्घटना में घायल बिहार के छपरा निवास कृष्णनंद व उनकी पत्नी मुन्नी देवी, बेटी खुशी, नैना व बेटा देव कुमार को बुधवार को इमरजेंसी से रेफर करा लिया गया। कृष्णनंद के बड़े भाई दिलीप कुमार ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से सही इलाज नहीं मिल पा रहा है। मरीजों की पट्टी तक खुद बदलनी पड़ रही है। अब दिल्ली में लेकर जाकर मरीजों का इलाज कराएंगे।   

इमरजेंसी में 60 मरीज भर्ती हुए
इमरजेंसी में बुधवार को कुल 60 मरीज भर्ती रहे। छह-सात मरीजों को भर्ती नहीं किया गया। उन्हें लौटा दिया गया। फिरोजाबाद की 60 वर्षीय भगवान देवी ने बताया कि उन्हें रक्तस्राव की समस्या है, ब्लडफ्रेशर बढ़ जा रहा है, इसके बाद भी भर्ती नहीं किया गया। इमरजेंसी से ओपीडी में जाने के लिए शमसाबाद के मरीज नारायण सिंह को एंबुलेंस नहीं मिली। परिजन टेंपो से लेकर गए। पैर में लगा प्लास्टर कटवाना था। 
अल्ट्रासाउंड करने के लिए नहीं था कोई डॉक्टर  

न्यू सर्जरी बिल्डिंग में अल्ट्रासाउंड कराने के लिए पहुंचे मरीजों को निराश लौटना पड़ा। ओपीडी में दिखाने के बाद और कुछ मरीज जिनको पहले से डेट दी गई थी, वह अल्ट्रासाउंड कराने पहुंचे। कर्मचारियों ने गेट पर ही मना दिया कि डॉक्टर नहीं हैं, अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाएगा। जबकि यहां नियमित रूप से करीब 50 अल्ट्रासाउंड होते हैं। 
स्टाफ ने कहा डॉक्टर हड़ताल पर हैं, बाद में आना
गले में गांठ है, डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराने के लिए लिखा है। न्यू सर्जरी बिल्डिंग में जांच कराने पहुंचा तो स्टाफ ने वापस भेज दिया। कहा कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं, बाद में आना। – मनोज शर्मा, मरीज, टूंडला
हड़ताल ने मुसीबत में डाल दिया, बाहर से करानी पड़ेगी जांच
गले में परेशानी है। अल्ट्रासाउंड कराने पहुंची तो कर्मचारियों ने लौटा दिया। कहा कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं, अभी जांच नहीं हो पाएगी। हड़ताल ने मुसीबत में डाल दिया है, अब बाहर से जांच करानी पड़ेगी। – चंदा देवी, लोहामंडी 
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विस्तार

आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को ओपीडी और आईपीडी के साथ इमरजेंसी, आईसीयू, ऑपरेशन थिएटर, एनेस्थीसिया, रेडियो डायग्नोस्टिक व अन्य सेवाओं का भी बहिष्कार कर दिया। इससे मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई। इमरजेंसी में पहुंचने वाले सभी मरीजों को भर्ती नहीं किया। भर्ती कुछ मरीजों को घर भेज दिया गया। न्यू सर्जरी बिल्डिंग में अल्ट्रासाउंड पूरी तरह से ठप हो गया। एक भी मरीज का अल्ट्रासाउंड नहीं किया गया। मरीजों को खुद ही पट्टी करनी पड़ी। 

घर वापस चले गए मरीज

अलीगढ़ के इगलास निवासी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने अपनी मां मोहन देवी को मंगलवार की शाम छह बजे इमरजेंसी में भर्ती कराया था, उन्हें पेड़ू और कमर में दर्द था। सुबह सात बजे इमरजेंसी से बाहर कर दिया गया। दवाएं दे दी गईं। दोपहर करीब 12 बजे तक मोहन देवी इमरजेंसी के बाहर ही लेटी रहीं। दर्द से कराहती रहीं। बाद में उन्हें वापस घर ले गए। वहीं, मंगलवार को एक्सप्रेसवे बस दुर्घटना में घायल बिहार के छपरा निवास कृष्णनंद व उनकी पत्नी मुन्नी देवी, बेटी खुशी, नैना व बेटा देव कुमार को बुधवार को इमरजेंसी से रेफर करा लिया गया। कृष्णनंद के बड़े भाई दिलीप कुमार ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से सही इलाज नहीं मिल पा रहा है। मरीजों की पट्टी तक खुद बदलनी पड़ रही है। अब दिल्ली में लेकर जाकर मरीजों का इलाज कराएंगे।   

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