[ad_1]
अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: Abhishek Saxena
Updated Thu, 09 Dec 2021 12:06 PM IST
सार
उमेश अमित ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों का इलाज करते हुए कई डॉक्टरों ने अपनी जान गंवाई। तभी उनके मन में विचार आया कि उचित दूरी को ध्यान में रखते हुए मरीजों की जांच के लिए डॉक्टरों के पास कोई सुरक्षित विकल्प होना चाहिए। तभी से इन्होंने इस मेडिकल डिवाइस पर काम शुरू किया।
शोधार्थी उमेश अमित परमार
– फोटो : अमर उजाला
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
मरीज की दिल की धड़कनें सुन सकते हैं
उमेश अमित परमार ने बताया कि वह आगरा कॉलेज से भौतिक विज्ञान में डॉ. राजकुमार वर्मा के निर्देशन में शोध कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अपनी रिसर्च कंपनी अमीषा इनोवेशंस के अंतर्गत इस मेडिकल डिवाइस का निर्माण किया है। इसके जरिये आइसोलेशन वाले मरीजों को डॉक्टर बिना उसके पास जाए परामर्श दे सकते हैं। इस स्टेथोस्कोप को मरीज या हेल्थ वर्कर के एंड्राइड फोन, लैपटॉप से जोड़कर वीडियो कॉल की जा सकती है। डॉक्टर वीडियो कॉल पर मरीज को देखने के साथ अच्छी गुणवत्ता के हेडफोन के माध्यम से मरीज की दिल की धड़कनें सुन सकते हैं। मरीज की स्थिति देख डॉक्टर वीडियो काल पर ही मरीज या हेल्थ वर्कर को परामर्श दे सकते हैं। डिवाइस में माइक्रोफोन और स्पीकर, ब्लूटूथ आदि का इस्तेमाल किया है।
एक बार चार्ज होने पर 72 घंटे तक काम करता है
उमेश अमित परमार ने बताया कि स्टेथोस्कोप एक बार चार्ज होने पर 72 घंटे तक कार्य करता है। वह इस मेडिकल डिवाइस का डेमो डॉक्टरों को भी दे चुके हैं। उनसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। इससे पहले उमेश अमित परमार ने अलग-अलग तीन नवाचारों का पेटेंट भी करा चुके हैं।
कोरोना की दूसरी लहर की स्थिति को देख काम शुरू किया
उमेश अमित ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों का इलाज करते हुए कई डॉक्टरों ने अपनी जान गंवाई। तभी उनके मन में विचार आया कि उचित दूरी को ध्यान में रखते हुए मरीजों की जांच के लिए डॉक्टरों के पास कोई सुरक्षित विकल्प होना चाहिए। तभी से इन्होंने इस मेडिकल डिवाइस पर काम शुरू किया। उन्होंने अपने आविष्कार की जानकारी वेबसाइट www.amishainnovation.com पर दे रखी है। उनका कहना है कि सरकार इस आविष्कार को बढ़ावा दे तो यह कोरोना काल में मरीजों की इलाज में मददगार साबित हो सकता है।
10 हजार की लागत से बनाया
उमेश अमित परमार ने बताया कि मेडिकल डिवाइस की शुरूआती लागत कई प्रयोग करने के बाद करीब 10 हजार रुपये आई है। आगे के उत्पादन में लागत कम हो सकती है। और भी डिवाइस का उत्पादन किया जाएगा। इसकी तैयारी चल रही है।
आगरा में बढ़ता कोरोना: ट्रेनिंग से लौटा सेना का जवान मिला संक्रमित, चार हुई सक्रिय मरीजों की संख्या
विस्तार
मरीज की दिल की धड़कनें सुन सकते हैं
उमेश अमित परमार ने बताया कि वह आगरा कॉलेज से भौतिक विज्ञान में डॉ. राजकुमार वर्मा के निर्देशन में शोध कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अपनी रिसर्च कंपनी अमीषा इनोवेशंस के अंतर्गत इस मेडिकल डिवाइस का निर्माण किया है। इसके जरिये आइसोलेशन वाले मरीजों को डॉक्टर बिना उसके पास जाए परामर्श दे सकते हैं। इस स्टेथोस्कोप को मरीज या हेल्थ वर्कर के एंड्राइड फोन, लैपटॉप से जोड़कर वीडियो कॉल की जा सकती है। डॉक्टर वीडियो कॉल पर मरीज को देखने के साथ अच्छी गुणवत्ता के हेडफोन के माध्यम से मरीज की दिल की धड़कनें सुन सकते हैं। मरीज की स्थिति देख डॉक्टर वीडियो काल पर ही मरीज या हेल्थ वर्कर को परामर्श दे सकते हैं। डिवाइस में माइक्रोफोन और स्पीकर, ब्लूटूथ आदि का इस्तेमाल किया है।
एक बार चार्ज होने पर 72 घंटे तक काम करता है
उमेश अमित परमार ने बताया कि स्टेथोस्कोप एक बार चार्ज होने पर 72 घंटे तक कार्य करता है। वह इस मेडिकल डिवाइस का डेमो डॉक्टरों को भी दे चुके हैं। उनसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। इससे पहले उमेश अमित परमार ने अलग-अलग तीन नवाचारों का पेटेंट भी करा चुके हैं।
.
[ad_2]
Source link