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अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ
Published by: पंकज श्रीवास्तव
Updated Thu, 09 Dec 2021 08:46 PM IST
सार
अभिषेक पर प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रहते भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। जिसके बाद शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था और सतर्कता जांच के आदेश दिए थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
– फोटो : सोशल मीडिया
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जानकारी के अनुसार पिछले साल आठ सितंबर को भ्रष्टाचार के आरोप में अभिषेक दीक्षित को सरकार ने निलंबित कर दिया था। अभिषेक पर आरोप था कि उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अनदेखी की और थानों पर तैनाती देने के लिए निरीक्षकों से पैसे लिए। सूत्रों का कहना है कि अभिषेक दीक्षित पर लगे आरोप सही पाए गए जिसके बाद उनके खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान ने मुकदमा दर्ज करने की अनुमति शासन से मांगी है। अभिषेक दीक्षित 2006 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के तमिलनाडु कॉडर के अधिकारी हैं वह जून 2019 में राज्य प्रतिनियुक्ति पर यूपी आए थे।
अभिषेक छठें अधिकारी जिन पर दर्ज होगी प्राथमिकी
बीते दो साल में पांच आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार या अपराध के मामलों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। जिलों में पोस्टिंग के लिए सौदा करने के मामले में सतर्कता अधिष्ठान आईपीएस हिमांशु कुमार और अजय पाल शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई कर रहा है। इसके अलावा अपराधियों की मदद करने और उसके बदले पैसे लेने के आरोप में पूर्व डीआईजी अरविंद सेन के खिलाफ न सिर्फ मुकदमा दर्ज हुआ बल्कि उन्हें गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया।
वहीं महोबा के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद पाटीदार के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया गया था। मणिलाल उसके बाद से फरार हैं। विशेष सुरक्षा बल में पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी के खिलाफ अयोध्या के एक थाने में एफआईआर दर्ज है। अयोध्या में बैंक में काम करने वाली एक महिला ने आत्महत्या कर लिया था। महिला ने अपने सुसाइड नोट में आशीष तिवारी का भी जिक्र किया था।
विस्तार
जानकारी के अनुसार पिछले साल आठ सितंबर को भ्रष्टाचार के आरोप में अभिषेक दीक्षित को सरकार ने निलंबित कर दिया था। अभिषेक पर आरोप था कि उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अनदेखी की और थानों पर तैनाती देने के लिए निरीक्षकों से पैसे लिए। सूत्रों का कहना है कि अभिषेक दीक्षित पर लगे आरोप सही पाए गए जिसके बाद उनके खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान ने मुकदमा दर्ज करने की अनुमति शासन से मांगी है। अभिषेक दीक्षित 2006 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के तमिलनाडु कॉडर के अधिकारी हैं वह जून 2019 में राज्य प्रतिनियुक्ति पर यूपी आए थे।
अभिषेक छठें अधिकारी जिन पर दर्ज होगी प्राथमिकी
बीते दो साल में पांच आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार या अपराध के मामलों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। जिलों में पोस्टिंग के लिए सौदा करने के मामले में सतर्कता अधिष्ठान आईपीएस हिमांशु कुमार और अजय पाल शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई कर रहा है। इसके अलावा अपराधियों की मदद करने और उसके बदले पैसे लेने के आरोप में पूर्व डीआईजी अरविंद सेन के खिलाफ न सिर्फ मुकदमा दर्ज हुआ बल्कि उन्हें गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया।
वहीं महोबा के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद पाटीदार के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया गया था। मणिलाल उसके बाद से फरार हैं। विशेष सुरक्षा बल में पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी के खिलाफ अयोध्या के एक थाने में एफआईआर दर्ज है। अयोध्या में बैंक में काम करने वाली एक महिला ने आत्महत्या कर लिया था। महिला ने अपने सुसाइड नोट में आशीष तिवारी का भी जिक्र किया था।
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