एआईएमआईएम के जमालपुर नगरसेवक मोहम्मद रफीक शेख ने आरोप लगाया है कि अहमदाबाद नगर निगम में ड्यूटी पर प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों को अपनी संपत्ति का ब्योरा देना होता है लेकिन फोटो अधिकारियों ने उनके विवरण का खुलासा नहीं किया। आम बैठक में उन्होंने यह मुद्दा उठाया कि अधिकारी विवरण का खुलासा नहीं करते हैं। वर्ष 2019 से 2021 तक केवल वर्ग 1 के 380 और वर्ग 2 के 1999 अधिकारियों ने संपत्तियों के विवरण का खुलासा किया है। बाकी अधिकारियों ने संपत्ति का खुलासा नहीं किया, इसलिए इन सभी की जांच की जानी चाहिए और संपत्तियों का क्रॉस-सत्यापन किया जाना चाहिए ताकि सही तथ्य सामने आ सकें।
अधिकारियों पर गुजरात एसीबी द्वारा मुकदमा नहीं चलाया जाता – आरोप
नगर निगमों में ड्यूटी पर तैनात कई कर्मचारी और अधिकारी भ्रष्टाचार करते हैं। एसीबी व विजिलेंस विभाग से भी गुहार लगाई जाती है लेकिन कोई कार्रवाई नही होती है। पिछले दस साल में निगम के सिर्फ 41 कर्मचारी ही रिश्वत लेते पकड़े गए हैं। हकीकत मे निगम के कर विभाग, सम्पति विभाग और स्वास्थ्य विभाग में काफी भ्रष्टाचार होता है। फिर भी ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों पर गुजरात एसीबी द्वारा मुकदमा नहीं चलाया जाता है। वर्ष 2019 में न्यू वेस्टर्न जोन में बोदकदेव सिटी सिविक सेंटर में 3 करोड़ रुपये का गबन किया गया था, लेकिन केवल रु 90 लाख का शिकायतें दर्ज किया गया था।