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AMC के लीगल सर्विस ऑथोरिटी के रिपोर्ट मे रस्ते, ट्रफिक-पार्किंग की समस्या की हकीकत सामने आई

क्रांति समय

गुजरात हाई कोर्ट के समक्ष अहमदाबाद नगर निगम द्वारा प्रस्तुत विवरण और दावे व्यर्थ साबित हुए हैं। अहमदाबाद के यातायात और आवारा पशुओं के मुद्दे पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद स्टेट लीगल सर्विस ऑथोरिटी ने पूरे अहमदाबाद का सर्वे किया है. इस रिपोर्ट में उच्च न्यायालय के समक्ष निगम की ओर से पेश किए गए बड़े मुद्दे ज्यादातर अस्पष्ट ही साबित हुए हैं.

अहमदाबाद में किया गया सर्वे
लीगल सर्विस ऑथोरिटी अहमदाबाद में कुछ समाजसेवियों और युवाओं की मदद से सर्वे किया गया, जिसके बाद 565 पेज की रिपोर्ट तैयार की गई है. अहमदाबाद के अलग अलग वोर्ड और जोन के सर्वे अभी भी कई रस्ते बीमार हालत मे होने का बाहर आया है. इस रिपोर्ट में पाया गया कि निगम द्वारा दिए गए हलफनामे और सर्वेक्षण में दिए गए विवरण कहीं भी मेल नहीं खाते।

पार्किंग व आवारा पशुओं की समस्या
शहर के सभी वार्डों में यातायात, पार्किंग व आवारा पशुओं की समस्या देखी गई है. इस रिपोर्ट मे सभी विस्तारो के नाम, जानकारी देने का विवरण, और तस्वीर सहित सब कुछ शामिल किया गया है।

जमीन की हकीकत तस्वीरों के साथ पेश किए गए
लीगल सर्विस ऑथोरिटी ने अहमदाबाद शहर के कुल सात जोन जिसमें साउथ जोन, नॉर्थ-वेस्ट, नॉर्थ जोन, साउथ-वेस्ट जोन, वेस्ट जोन, सेंट्रल जोन, ईस्ट जोन के सभी जमीन के तथ्य फोटोग्राफ के साथ प्रस्तुत किये हैं. शहर के कुछ हिस्सों के सड़कों का उल्लेख किया गया है जो अच्छी स्थिति में हैं, लेकिन इससे भी अधिक, निगम द्वारा भूतकाल में उच्च न्यायालय के समक्ष किए गए दावों से काफी अलग होने का सामने आया है।

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