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जल आत्मनिर्भरता द्वारा ‘आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना को साकार करेंगे : मुख्यमंत्री

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वाघरेच में कावेरी नदी पर 250 करोड़ रुपए की लागत वाले ‘टाइडल रेगुलेटर डैम प्रोजेक्ट’ का शिलान्यास

बिलीमोरा में 55 करोड़ रुपए के ख़र्च से नवनिर्मित रेलवे ओवरब्रिज का ई-लोकार्पण

नवसारी,मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दक्षिण गुजरात में नवसारी ज़िले के गणदेवी के बिलीमोरा स्थित कावेरी नदी पर 250 करोड़ रुपए की लागत वाले ‘वाघरेच टाइडल रेगुलेटर डैम प्रोजेक्ट’ का शुक्रवार को शिलान्यास किया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्पष्ट कहा, “आज़ादी के अमृत काल में राज्य सरकार ने राज्य को अमृतमय मीठे जल की आपूर्ति का लक्ष्य निर्धारित किया है। ग्लोबल वॉर्मिंग तथा क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से समग्र विश्व जूझ रहा है। ऐसे में राज्य में पानी की समस्या दूर करने के लिए भूमिगत जल भंडारों को समृद्ध बनाकर जल प्रबंधन की प्रतिबद्धता है।” समारोह में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल की प्रेरक उपस्थिति रही। मुख्यमंत्री ने ‘वाघरेच टाइडल रेगुलर डैम प्रोजेक्ट’ की ई-तकती का अनावरण किया। इसके साथ ही उन्होंने बिलीमोरा नगर पालिका क्षेत्र में रेलवे क्रॉसिंग नंबर 108-109 पर नवनिर्मित रेलवे ओवरब्रिज का ई-लोकार्पण भी किया। शहरी विकास तथा गृह निर्माण विभाग के अनुदान से सड़क एवं भवन विभाग ने 55 करोड़ रुपए के ख़र्च से इस रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया है। वाघरेच में नर्मदा, जल संसाधन, जलापूर्ति एवं कल्पसर विभाग की ओर से आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पटेल ने कहा कि राज्य में श्रृंखलाबद्ध चेकडैम, बोरीबांध, सुजलाम्-सुफलाम्, अन्य बहुद्देश्यीय योजनाओं, कैनाल व पाइपलाइन नेटवर्क, ‘सौनी’ योजना, टाइडल प्रोजेक्ट्स जैसे जल संचय, जल सिंचन एवं जल संग्रह आयामों से भूमिगत जल स्तर ऊँचा आया है और किसानों के खेतों में पानी पहुँचा है। उन्होंने कहा कि हम जल आत्मनिर्भरता द्वारा ‘आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना साकार करेंगे। मुख्यमंत्री ने वाघरेच रेगुलेटर प्रोजेक्ट से बिलीमोरा नगर पालिका सहित गणदेवी तहसील के 10 गाँवों को होने वाले भारी लाभ पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि कावेरी नदी पर 10 किलोमीटर तथा खरेरा नदी पर 5 किलोमीटर लम्बाई में 100 मिलियन क्यूबिक फ़ीट मीठे जल का संग्रह होगा और पुरानी खरेरा नदी पुनर्जीवित होगी। उन्होंने कहा कि बिलीमोरा व आसपास के दस गाँवों की 3500 एकड़ भूमि को सिंचाई जल का लाभ मिलेगा। समुद्री ज्वार का पानी नदी में आना रुकेगा, जिससे सतही व भूमिगत क्षार और कृषि योग्य उपजाऊ भूमि को नुक़सान से बचाया जा सकेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वाघरेच रेगुलेटर प्रोजेक्ट जल समृद्धि की गारंटी देने वाली योजना बनेगी।

शुभारंभ करने के पहले ही ओवर ब्रीज का किया बिलीमोरा नगर पालिका के जनता ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि दक्षिण गुजरात जल समृद्ध नदियों वाला क्षेत्र है, परंतु समुद्र तटवर्ती क्षेत्रों में समुद्री खारेपन के कारण ‘पास कुआँ, फिर भी प्यासे’ जैसी स्थिति का निर्माण हुआ है। यह डैम इस समस्या से लड़ने में वरदान सिद्ध होगा। उन्होंने जल को विकास का मुख्य आधार बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जलशक्ति की महिमा बताते हुए उसे जनशक्ति के साथ जोड़ा है। ऐसे में राज्य में लोगों को पीने, घरेलू उपभोग के तथा सिंचाई जल की समस्या या दिक्क़त न आए; इसके लिए राज्य सरकार जल प्रबंधन के उम्दा प्रयासों के साथ निरंतर जागृत है। मुख्यमंत्री ने इसकी पूरी भूमिका समझाई। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने समुद्री क्षार नियंत्रण के प्रयासों के साथ-साथ विषाक्त रासायनिक कृषि के स्थान पर कम पानी में होने वाली रासायनिक उर्वरक मुक्त प्राकृतिक खेती अपनाकर सच्चे अर्थ में धरती माता को हरियाला बनाने का आह्वान किया। इस अवसर पर उपस्थित मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा कि किसी भी विकास योजना को ऑफ़िस में बैठकर आकार देने के बजाय योजना स्थल पर जाकर वास्तविक स्थिति का निरीक्षण कर योजना को साकार करने से गुणवत्तायुक्त परिणाम मिलते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यही विज़न है। गुजरात सरकार ने प्रधानमंत्री के विज़न का अनुकरण करते हुए वाघरेच की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखकर स्थानीय क्षेत्र की जनता के विशाल हित में यह प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसका लाभ मिलने के बाद यहाँ के लोगों की पानी की समस्या अतीत बन जाएगी। राज्य सरकार ने स्थानीय लोगों की वर्षों पुरानी मांग व भावना को सम्मान दिया है। उन्होंने गुजरात सरकार की विकास को वेग देने की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। राज्य के स्वास्थ्य, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री ऋषिकेशभाई पटेल ने कहा कि वर्षा ऋतु में समुद्री ज्वार के कारण बिलीमोरा शहर तथा आसपास के समुद्र तटीय क्षेत्र के गाँवों में आने वाले क्षार को रोकने की सरकार ने चिंता की है। वाघरेच परियोजना केवल एक वर्ष के भीतर ही पूर्ण की जाएगी, जिससे आने वाले समय में लगभग 12 गाँवों को पीने का शुद्ध व मीठा जल मिलेगा। आदिजाति क्षेत्र के विकास के लिए आगामी पाँच वर्ष में एक लाख करोड़ का पैकेज बनाया गया है। इस बजट में पाँच सौ करोड़ रुपए के ख़र्च से चेकडैम, वियर बना कर बरसाती जल संग्रह का सुचारु आयोजन किया गया है। इस अवसर पर आदिजाति विकास मंत्री नरेश पटेल ने स्वागत संबोधन में कहा कि राज्य सरकार ने बिलीमोरा नगर पालिका क्षेत्र में रेलवे ओवरब्रिज का लोकार्पण तथा वाघरेच में टाइडल रेगुलर डैम का शिलान्यास कर इस क्षेत्र की जनभावना को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों की सुख-सुविधा के कार्य करने के लिए सदैव तत्पर है। समारोह में उपस्थित प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद सी. आर. पाटिल ने कहा कि वाघरेच के डैम के लिए निरंतर प्रयासों के कारण मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में अब यह योजना साकार होगी। यह डैम बनने से तेरह किलोमीटर क्षेत्र में आने वाले गाँवों में पीने का शुद्ध पानी मिलेगा। यहाँ के तटवर्ती क्षेत्रों में पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए अलग से योजना बनाई जाएगी।

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