22,842 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय(Enforcement Directorate) ने मंगलवार को मुंबई, पुणे और सूरत में 26 स्थानों पर छापेमारी की. ईडी ने एबीजी शिपयार्ड के प्रमोटर ऋषि कमलेश अग्रवाल के घर और कार्यालय की भी तलाशी ली. एबीजी शिपयार्ड के चेयरमैन और एमडी ऋषि अग्रवाल समेत अन्य पर 2012 से 2017 के बीच 28 बैंकों से कुल 22,842 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है. ईडी इस मामले से संबंधित सभी दस्तावेजों को खोज कर पुरे मामले की जांच कर रही है.
इस घटना के संबंध में सीबीआई ने फरवरी में ही मामला दर्ज किया था. बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. सीबीआई की F.I.R के मुताबिक एबीजी शिपयार्ड ने कर्ज लेकर 28 बैंकों के साथ धोखाधड़ी की थी. एजेंसी ने फरवरी में 22,000 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले का मामला दर्ज किया था. जिसके बाद ईडी ने अब कार्रवाई करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामले को अपने कब्जे में ले लिया है और आगे की जांच कर रही है.
सीबीआई के अधिकारी के मुताबिक एसबीआई के अधिकारियों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है. सीबीआई द्वारा दर्ज FIR के अनुसार एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड नाम की कंपनी पर बैंक से कर्ज लेने और धोखाधड़ी करने का आरोप है. यह धोखाधड़ी मेसर्स एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड कंपनी और उसके निदेशकों द्वारा लगभग 28 बैंकों के साथ किया गया.
इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए 28 बैंकों ने भारतीय स्टेट बैंक के तत्वावधान में सीबीआई को आवेदन दिया था.