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क्राइम ब्रांच:नामी लोगों के नाम का झांसा देकर लाखों की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार किए

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देश के धनवान लोगों के नाम से विभिन्न समाज के प्रतिष्ठित लोगों से लाखों रुपए की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय राजस्थानी गैंग के तीन लाेगाें को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक आरोपी ठगी करने से पहले राजस्थान के अलग-अलग समाज के प्रतिष्ठित लाेगाें की जानकारी जुटाते थे। इसके बाद ऑनलाइन सर्च इंजन के माध्यम से थोड़ी रिसर्च करते थे। वे लोग समाज की एक पूरी डिक्शनरी डाउनलोड करते थे और इसके बाद प्रतिष्ठित लोगों का हवाला देकर ठगी को अंजाम देते थे।

क्राइम ब्रांच के मुताबिक अलथाण रोड स्थित डी-मार्ट के सामने रामेश्वर ग्रीन निवासी 55 वर्षीय स्वरूप श्रीचंद चौहान पिछले 30 वर्षों से पांडेसरा जीआईडीसी स्थित प्रतिभा डाइंग मिल में कैशियर हैं। प्रतिभा डाइंग मिल के मालिक प्रमोदभाई चौधरी हैं। 1 मार्च 2022 महाशिवरात्रि के कारण डाइंग मिल बंद थी।

इस बीच प्रमोदभाई चौधरी ने स्वरूप चौहान को फोन कर कहा कि मोबाइल फोन पर साेशल मीडिया के माध्यम से कॉल से बांगड़ ग्रुप के प्रशांत बांगड़ का फोन आएगा। उन्हें 40 लाख रुपए मुंबई में ट्रांसफर किया जाना है और उससे टोकन नंबर लेना है और उसके अनुरोध के अनुसार एक विश्वसनीय आंगड़िया फर्म के माध्यम से पैसे भेजना है। कुछ ही देर बाद स्वरूप चौहान के पास सोशल मीडिया से कॉल आया फोन करने वाले ने खुद की पहचान प्रशांत बांगड़ के रूप में दी।

प्रमोद चौधरी से बातचीत के मुताबिक मुंबई के कालबादेवी क्षेत्र में 40 लाख रुपए भेजने का प्रशांत बांगड़ ने कहा है। इसके बाद प्रशांत ने टोकन के रूप में 50 रुपए का नोट दिया और पैसे लेने आने वाले व्यक्ति का नाम किशन बताया साथ ही मोबाइल नंबर भी दिया। तब स्वरूप चौहान ने महिधरपुरा के भवानीवाड़ स्थित सोमा रामदास आंगड़िया पेढ़ी के दिनेशभाई को फोन किया और 40 लाख रुपए मुंबई भेजने के लिए कहा।

यह पैसे लेने के लिए किशन नामक व्यक्ति आएगा और 5 रुपए का नोट देगा। इसलिए सोमा आंगड़िया पेढ़ी के माध्यम से 40 लाख रुपए मुंबई के कालबादेवी स्थित आंगड़िया पेढ़ी में भेज दिया। वहां राकेश नाम का एक व्यक्ति 40 लाख रुपए ले गया होने की जानकारी मिली। कुछ समय बाद स्वरूप चौहान ने आंगड़िया पेढ़ी में 40 लाख रुपये देने के लिए प्रकाश बांगड़ को फोन किया लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ़ था। फिर पैसे लेने वाले किशन और राकेश के मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ हो गए। इसलिए जब स्वरूप चौहान को शक हुआ तो उन्होंने जांच की।

इसमें पता चला की दशरथ सिंह राजपुरोहित, दलपत सिंह वाघेला सहित ठग गिरोह बांगड़ ग्रुप के नाम का उपयोग कर स्वरूप चौहान को अपने विश्वास में लेकर 40 लाख रुपए की ठगी की गई। इसके बाद स्वरूप चौहान ने क्राइम ब्रांच थाने में शिकायत दर्ज कराई। क्राइम ब्रांच के आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे एक कार और 19.90 लाख रुपए नकदी और मोबाइल भी बरामद किए हैं।

दशरथ सिंह के खिलाफ पूणागाम में अपहरण का मामला भी दर्ज है

दशरथ सिंह उर्फ नरेंद्र सिंह राजपुरोहित के खिलाफ कुल 7 मामले दर्ज हुए हैं जिसमें 6 मामले मुंबई के जोगेश्वरी ईस्ट और एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन में दर्ज हुए हैं। साल 2017 में एक अपहरण का मामला सूरत के पूणा गांव पुलिस स्टेशन में भी दर्ज हुआ है।

साल 2013 में मुंबई के जोगेश्वरी में उसके खिलाफ चोरी का मामला दर्ज किया गया था जब वह एक नौकर का काम करता था इसके अलावा मुंबई के एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन में सभी पांच मामले साल 2016 से 2018 के बीच ठगी के दर्ज हुए हैं।

आरोपियों से ~19.90 लाख का माल व कार बरामद किए गए

पकड़े गए आरोपियों में राजस्थान के जालोर जिला निवासी जमीन दलाल 30 वर्षीय दशरथ सिंह उर्फ नरेंद्र सिंह राजपुरोहित, राजस्थान के बाड़मेर जिले का मंडप डेकोरेटर 39 वर्षीय दलपत सिंह वाघेला और राजस्थान के जालोर जिले का 43 वर्षीय मोहन सिंह राजपुरोहित को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। इनसे 19.90 लाख रुपए बरामद किए गए हैं। इसके अलावा चार लाख रुपए की राजस्थान पासिंग की एक कार और ₹10,500 के तीन मोबाइल मिलाकर कुल 24 लाख रुपए का माल बरामद किया गया।

ऑनलाइन निकालते थे डिटेल

आरोपियों ने बताया कि करीब 3 महीने पहले दशरथ सिंह अपने साथी गौतम राजपुरोहित, मीठा राम चौधरी और विक्रम सिंह के साथ मिलकर इस तरह के अपराध को अंजाम देने के लिए राजस्थान के अलग-अलग समाज के प्रतिष्ठित अग्रणियाें की जानकारी जुटाकर ऑनलाइन सर्च इंजन के माध्यम से थोड़ी रिसर्च करते थे। इसमें वह लोग समाज की एक पूरी डिक्शनरी डाउनलोड करते थे और इसके बाद प्रतिष्ठित लोगों का हवाला देकर ठगी को अंजाम देते थे।

चीटिंग करने की बात कबूल की

पूछताछ करने पर आरोपी दशरथ सिंह उर्फ नरेंद्र सिंह राजपुरोहित ने बताया कि इससे पहले राजस्थान समाज के अग्रणियाें का नंबर जुटा कर और समाज के प्रतिष्ठित लोगों के नाम का हवाला देकर पैसों की जरूरत बताते थे। इसके अलावा अंगाड़िया के माध्यम से पैसे मंगाकर उनके साथ ठगी करते थे।

लोगों के बारे में जुटाते थे जानकारी

क्राइम ब्रांच के मुताबिक आरोपियों ने सबसे पहले बांगड़ सीमेंट के मालिक के बारे में जानकारी जुटाई जिसमें उसके नाम पता मोबाइल नंबर दर्ज कर लिए थे इसके अलावा उसी तरह के तथा गांव के आसपास के व्यक्ति की भी जानकारी जुटाई थी जिसमें सूरत के प्रतिभा फैब्रिक से मालिक का नाम मोबाइल नंबर और जानकारी लेकर मुंबई में तुरंत पेमेंट करने के लिए कहा था।

नए मोबाइल और नई सिम का करते थे उपयोग | आरोपी मीठा राम चौधरी को मुंबई भेज कर उसे नया मोबाइल फोन और सिम कार्ड दिया था जिसके बाद उसने खुद प्रतिभा फैब्रिक से मालिक को कॉल कर अपने आप को सीमेंट का मालिक प्रशांत बांगड़ बताया था। जिसके बाद यह पूरा 40 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया।

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