Home राज्य उत्तर प्रदेश ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे कार्य समाप्त, आज रिपोर्ट अदालत में देने पर संशय

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे कार्य समाप्त, आज रिपोर्ट अदालत में देने पर संशय

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ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे कार्य समाप्त, आज रिपोर्ट अदालत में देने पर संशय

वाराणसी ,उत्तर प्रदेश की धार्मिक राजधानी वाराणसी में सोमवार को तीसरे दिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य संपन्न हो गया। अब स्थानीय अदालत में सर्वे रिपोर्ट कल दाखिल की जायेगी। हालांकि माना जा रहा है कि चूंकि रिपोर्ट खासी लम्बी चौड़ी होगी और इसीलिए इसे बनाने में अधिक समय लगेगा ऐसे में सर्वे कार्य के लिए नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर अदालत से कुछ और समय की मांग कर सकते हैं।
वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सोमवार को संवाददताओं से कहा कि आज सोमवार को दो घंटे 15 मिनट से अधिक समय तक सर्वे करने के बाद अदालत द्वारा गठित आयोग (कोर्ट कमीशन) ने सुबह करीब 10.15 बजे अपना काम समाप्त कर दिया। सर्वे कार्य से सभी पक्ष संतुष्ट थे। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सर्वे की कार्यवाही पूरी होने के बाद किए जा रहे दावों पर कहा कि कोर्ट के आदेश पर सर्वे की कार्रवाई पूरी हो गई है। अदालत का अगला आदेश 17 मई को पता चलेगा। सभी पक्षकारों ने सर्वे में पूरा सहयोग किया। कोर्ट कमिश्नर के सर्वे में अंदर क्या दिखा इस पर भी किसी पक्षकार ने कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की है तो किसी भी उन्माद के आधार पर नारे लगने की बात सर्वथा गलत है।
उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के ठीक बगल में स्थित है। स्थानीय अदालत महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है। उल्लेखनीय है कि रविवार तक सर्वे का लगभग 65 प्रतिशत काम पूरा हो चुका था। इसीलिए शेष कार्य आज पूरा किया गया। याद हो कि वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य कराने के लिए नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त (कोर्ट कमिश्नर) अजय मिश्रा को पक्षपात के आरोप में हटाने की मांग संबंधी याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी थी। अदालत ने स्पष्ट किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। दीवानी अदालत के न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने अधिवक्ता आयुक्त अजय मिश्रा को हटाने संबंधी याचिका को नामंजूर करते हुए विशाल सिंह को विशेष अधिवक्ता आयुक्त और अजय प्रताप सिंह को सहायक अधिवक्ता आयुक्त के तौर पर नियुक्त किया था। उन्होंने संपूर्ण परिसर की वीडियोग्राफी करके 17 मई तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए थे।

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