सूरत,70 प्रतिशत दिव्यांग होने के बावजूद रिन्कु जोराराम देवासी ने खेल महाकुंभ में 200 मीटर की दौड़ में राज्यभर में पहला स्थान प्राप्त किया है|शहर के एक रत्नकार की 70 प्रतिशत दिव्यांग बेटी ने सूरत के साथ गुजरात का नाम रौशन किया है| गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने इस उपलब्धि के लिए रिन्कु देवासी के घर जाकर उसे शुभकामनाएं दीं| हर्ष संघवी ने इस संदर्भ में ट्वीट भी किया है,
जिसमें उन्होंने लिखा ‘सूरत की स्पेशल चाइल्ड रिंकु जब 200 मीटर की दौड़ की फाइनल में प्रदर्शन करने के लिए अहमदाबाद जा रही थी, तब बस में उसे अचानक उल्टी होने लगी| फाइनल के एक दिन पहले रिंकु की हालत गंभीर थी| इस स्थिति में बस में पिता के साथ सवार सहयात्री ने मानवता की सुगंध फैलाई है|’ सूरत समेत गुजरात का नाम रौशन करने वाली रिंकु देवासी से मिलने हर्ष संघवी ने अपने व्यस्त समय से वक्त निकाला और उसके घर पहुंच कर उसे शुभकामनाएं दीं| गौरतलब है कि 200 मीटर की दौड़ की फाइनल में प्रदर्शन के लिए रिंकु अपने पिता के साथ अहमदाबाद जा रही थी| उस वक्त रिंकु को अचानक बस में उल्टियां शुरू हो गईं|
उस वक्त बस में सवार प्रोफेसर नवीन ने काफी मदद की| दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहनेवाले प्रोफेसर नवीन ने रिंकु और उसके पिता को बस अड्डे पर सोने के बजाए अपने घर ले गए और सुबह दोनों को लेकर वह स्वयं खेल महाकुंभ में ले गए| जहां रिन्कु देवासी ने 200 मीटर की दौड़ में राज्यभर में पहला स्थान प्राप्त किया| इसके लिए रिन्कु के पिता जोराराम ने प्रोफेसर नवीन के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि अगर आप बस में मदद न करते तो रिन्कु ने जो परिणाम प्राप्त किया है,
संघर्ष करने वाले की कभी हार नही होती भेले ही, रास्ता न हो लेकिन रास्ता बनाया जा सकता है