क्रांति समय ( दैनिक समाचार & चैनल )

आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में भाजपा पार्षद हिरासत में

गुजरात विधानसभा के पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है। कुछ अति उत्साही कार्यकर्ता , पार्षद  और प्रत्याशीओं ने मतदान केन्द्र के अंदर मोबाईल ले जाकर मतदान करने की प्रक्रिया का विडियों बनाया और उसे सोश्यल मीडिया में अपलोड किया। आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में उधना से भाजपा पार्षद शरद पाटिल को हिरासत में लिया गया है।भाजपा पार्षद शरद पाटिल ने मतदान केंद्र से वीडियो बनाया और उसे सोश्यल मीडिया में वायरल कर आचरसंहिता का उल्लंघन किया। 

भाजपा पार्षद के खिलाफ शिकायत

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उधना विधानसभा चुनाव के दौरान पांडेसरा अंबिकानगर जीवन विकास स्कूल के पोलिंग बूथ नंबर-176 के बाहर बीजेपी पार्षद शरद पाटिल ने गुरुवार सुबह सोशल मीडिया पर एक वीडियो बनाया। इस वीडियो में भाजपा नगरसेवक शरद पाटिल ने एक हाथ में कमल का निशान लिए हुए कहा कि मैंने वोट दिया है, आओ हम भी वोट दें, फिर हिंदी में कहा कि मैं भरोसे की भाजपा सरकार बनाऊंगा और गुजरात को भ्रष्टाचार मुक्त बनाऊंगा, जय श्री राम, चुनाव के दिन आचार संहिता के बावजूद एक बीजेपी पार्षद ने मतदान केंद्र के बाहर वीडियो बनाया। 

चुनाव अधिकारी ने पांडेसरा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की 

चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो की जांच के आदेश दिए हैं। इसके आधार पर नगर पालिका के सफाई निरीक्षक जतिन राणा ने पांडेसरा पुलिस को तहरीर दी है। इसके आधार पर पुलिस ने पांडेसर के नगर सेवक शरद पाटिल के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया है।

मतदाताओं को मोबाईले जाने से रोके जाने पर कलेक्टर को शिकायत

चूंकि मतदान प्रक्रिया के दौरान चुनाव प्रणाली द्वारा सेल्फी पॉइंट बनाए गए थे, युवा मतदाता और अन्य मतदाता मतदान केंद्र में अपने मोबाइल फोन ले जाने के दौरान मतदान करते समय फोटो नहीं ले सकते थे, जिससे उन्हें फोटो लेने से रोका जा सके। वहीं कुछ नेताओं, कार्यकर्ताओं, उम्मीदवारों ने मतदान केंद्र पर मोबाइल फोन लेकर ईवीएम में वोट देने वालों की वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटो खींच ली और फोटो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। 

कलेक्टर ने जांच साइबर क्राइम को सौंपी 

इस फोटो को लेकर युवा मतदाताओं ने जिला कलेक्टर से शिकायत की कि उन्हें मोबाइल फोन लेकर बूथ पर जाने से रोका जाता है, वहीं दूसरी ओर बूथ में फोटो खिंचवा रहे नेताओं पर कार्रवाई की मांग की। इस शिकायत के बाद सूरत जिला कलेक्टर ने 16 विधानसभा चुनाव अधिकारियों और साइबर क्राइम की जांच सौंपी और रिपोर्ट तलब की है।

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