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सूरत शहर में फल फूल रहा अवैध जमीन का धन्धा

स्वामी, मुद्रक व प्रकाशक सुरेश मौर्या संपादक :- सुरेश मौर्या फोन नं. (9879141480) E-mail:[email protected]

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73 एए, रिजर्वेशन, मार्जिन तथा सरकारी जमीनों को धड्डले से हो रहा सौदा

सूरत। देश के कोन-कोने से सूरत में अपनी आजीविका कमाने आए श्रमजीवियों को खुद का प्लाट दिलाने का झासा देकर उनकी पसीने की गाढी कमाई को लूटने का धन्धा सूरत शहर में इन दिनों खूब फल फूल रहा है। ये माफिया दलालों के माध्यम से 73 एए यानि वह जमीन जिसे सरकार ने अनुसूचित जाति को पट्टे पर दिया है को भी फर्जी कागजात के जरिए लोगों को बेचा जा रहा है। इस तरह का कारोबार ज्यादातर उन इलाकों में हो रहा है जहां श्रमजीवी रहते है।

भू-माफिया ज्यादातर उन गरीबों को अपना शिकार बनाते है जो पढे लिखे नहीं है अथवा बहुत कम पढे लिखे है । इन गरीबों को उन जमीनों को बेचा जाता है जो किसी सोसायटी की मार्जिन की जगह है अथवा वह जमीन सराकी काम काज के लिए रजिर्वेशन में रखी गई है।

इस काम में भूमाफिया को स्थानीय नेताओं का सह प्राप्त रहता है। ग्राम पंचायत में आने वाली इस तरह की जमीनों का सौदा सरपंच तथा तलाटी की मिली भगत से खूल चल रहा है।

सूडा के क्षेत्राधिकार में आने वाली जमीनों का सौदा सूडा के कर्मचारियों तथा अधिकारियों की मैहरबानी से चल रहा है।

अवैध जमीन की हैराफेरी का शिकार हुआ गरीब जब न्याय के लिए पुलिस थाने पहुंचता है तो पुलिस वाले यह कहकर उसे वहां से भगा देते है कि तुमने जमीन खीदते वक्त इसकी जांच पड़ताल क्यों नहीं की।

प्रशासन की लापरवाही

कई मामलों में पुलिस शिकायत दर्ज भी करती है तो आरोपी से सांठगाठ कर फरीयादी से समझौता करा देती है।

ऐसे में गरीब व असहाय लोग अपनी किस्मत को कोसकर रह जाते है। कई मामले तो पुलिस तब तक कोई कार्रवाई नहीं करती जब तक आरोपी वहा से फरार नहीं हो जाता ऐसे में पीडित को कहीं से भी न्याय नहीं मिलता और अन्त में वह हाथ मलकर रह जाता है।

पुलिस विभाग की अधिकारी अगर इस प्रकार की घटना सामने आने के बाद भी योग्य कार्यवाही नही करने से इस तरह के कार्य करने वाले का मनोमल और आत्मविश्वास के साथ धड्डले से हो रहा सौदा कर झासा देकर उनकी पसीने की गाढी कमाई को लूटने का धन्धा सूरत शहर में इन दिनों खूब फल फूल रहा है।

ये माफिया दलालों के माध्यम से अवैध जमीन का धन्धा के अलावा महिलाएं का शोषण करने के अनेक घटना बनने के बाद भी पुलिस से अच्छी पकड़ होने के बावजूद इस कार्य में कुछ विभाग के कर्मचारी भी सामेल होने से विशेष कोई कार्यवाही नही किया जाती हैं अंत में महिलाएं उनके शोषण का शिकार हो रहे हैं.

कोर्ट की अवमानना

कोर्ट की अवमानना के अनेक फरियाद होने के बाद भी प्रशासन सिर्फ कार्यवाही के नाम पर कार्य करने रहे हैं.

सुरत महानगर पालिका और सूडा (सुरत अर्बन डेवलमेंट ऑथोरिटी) के विभाग में जमीन से संबंधित अनेक केस में कोर्ट की अवमानना की फरियाद दर्ज होने के बाद भी विभाग के द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नही किया जा रहा हैं. जिसमें एक आर.टी.आई के माध्यम से यह खुलाशा भी हुआ हैं की सुरत म्यू. कमिश्नर के ऊपर में अभी तक कुल 900से फरियाद में पार्टी बनया गया हैं ,

सूडा (सुरत अर्बन डेवलमेंट ऑथोरिटी) में अवैध बांधकाम विभाग में अभी तक कुल 59 गुजरात हाईकोर्ट में चल रहे हैं

जिससे यह साफ़ पता चलता हैं की किस प्रकार से अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध जमीन का धन्धा के धंधा में सामेल या भागीदारी से कार्य कर रहे हैं

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