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एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने और दूरंतो के सूरत में स्टॉपेज की मांग

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सूरत. केंद्र सरकार के आगामी बजट में सूरत कपड़ा मंडी के व्यापारियों के व्यापारिक हितों को ध्यान में रख गुरुवार को हुई व्यापारिक संगठन साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन की बोर्ड मीटिंग में कई जरूरी मांगें तैयार की गई है। इनमें ट्रेडर्स का जीएसटी रिफंड, सूरत की फ्लाइट कनेक्टिविटी एवं किराया भाड़ा, दूरंतो ट्रेन एवं अन्य ट्रेनों के स्टॉपेज आदि मांगें शामिल रही।एसजीटीटीए की बोर्ड मीटिंग रिंगरोड कपड़ा बाजार स्थित कोहिनूर टेक्सटाइल हाउस स्थित कार्यालय में गुरुवार दोपहर रखी गई। बैठक में बोर्ड सदस्यों ने कोरोना के बाद सूरत में दिनों-दिन फ्लाइट की संख्या घटकर आधी से भी कम हो जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की। साथ ही बताया कि फ्लाइट की कम कनेक्टिविटी के कारण वड़ोदरा और अहमदाबाद से दिल्ली के भाड़े से डबल रेट में सूरत से टिकट मिल रहा है। पहले किराया भाड़ा 4 हजार रुपए तक होता था। आज यह बढ़कर 11-12 हजार रुपए तक पहुंच गया है। कोरोना के पहले जब रीजनेबल भाड़ा था, तब एयर ट्रैफिक भी सूरत से भरपूर मिल रहा था। बैठक में 70 से 80 लाख की आबादी वाले और तेजी से विकसित हो रहे सूरत महानगर में फ्लाइट की संख्या घटने से व्यापार प्रभावित होने पर चिंता जताई गई। सरकार को इस स्थिति में सुधार के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत बताते हुए बैठक में सदस्यों ने कहा कि सूरत महानगर को मुख्य शहरों से पहले की तरह कनेक्टिविटी बहुत जरूरी है। एविएशन मिनिस्ट्री को इस मुद्दे पर तत्काल राहत देना चाहिए।

एयर कनेक्टिविटी के बाद रेलवे सुविधा के संबंध में बोर्ड मेंबर्स ने बैठक में बताया कि आबादी में सूरत से बहुत कम वड़ोदरा में सूरत की तुलना में बहुत अधिक ट्रेनों का स्टॉपेज है। संस्था को दूरंतो और अन्य सुपर फास्ट ट्रेनों के सूरत में हॉल्ट के लिए रेल मंत्रालय को एक ज्ञापन देना चाहिए। साथ ही यथाशीघ इस विषय में मंत्री से मिलकर महत्वपूर्ण ट्रेनों के स्टॉपेज सूरत में कराने का प्रयास करना चाहिए। कपड़ा व्यापारियों के संगठन एसजीटीटीए की बोर्ड मीटिंग में केंद्र सरकार के आगामी बजट में इन सभी विषयों को शामिल किए जाने के लिए एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल व केंद्रीय रेल व वत्र राज्यमंत्री दर्शना जरदोष को ज्ञापन सौंपेगा। बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीलकुमार जैन ने की व संचालन महामंत्री सचिन अग्रवाल ने किया। बैठक में सुनील मित्तल, महेश जैन, दिनेश कटारिया, प्रदीप खंडेलवाल, अनिल चडांलिया, विनोद अग्रवाल आदि मौजूद थे।

जीएसटी इनपुट लेने की प्रक्रिया जटिल

बैठक में बताया कि सरकारी नियमानुसार ट्रेडर्स भाई समय-समय पर जीएसटी भरते हैं। जीएसटी इनपुट लेने की जटिल प्रक्रिया के चलते व्यापारी सहजता के साथ अपना क्लेम नहीं कर पाता। जीएसटी की इस पेचीदगी को सरल किया जाए ताकि व्यापारियों को समय पर इनपुट मिल पाए। मीटिंग में इस बात का भी जिक्र आया कि इन्कम टैक्स में यदि हमारा टैक्स ज्यादा जमा हो जाता है तो रिटर्न फाइल करने के बाद हमारा पैसा डायरेक्ट खाते में जमा हो जाता है। इस विभागीय व्यवस्था से इन्कम टैक्स धारक बहुत राहत महसूस कर रहे हैं। व्यापारी भाइयों की क्रेडिट जमा कराने की प्रक्रिया को इन्कम टैक्स की तरह सरल किए जाने की आवश्यकता है।

टैक्सपेयर को मिले सामाजिक सम्मान

एसजीटीटीए की बोर्ड मीटिंग में सदस्यों ने बताया कि व्यापारी जीवन पर्यंत इन्कम टैक्स भरता रहता है। रिटायरमेंट के टाइम के समय किसी भी रूप में पेंशन, सुविधा, कैश रिफंड या किसी भी प्रकार की राहत सरकार से नहीं मिलती है। आगामी बजट में ईमानदार इन्कम टैक्स पेयरों को किसी भी तरह से अवार्ड देकर सामाजिक स्तर पर सम्मानित करने पर भी सरकार को विचार करना चाहिए। इसके अलावा टैक्स स्लैब में काफी समय से कोई बदलाव नहीं हुआ है। टैक्स स्लैब को और घटाए जाने की आवश्यकता है, ताकि व्यापार में सरलता बढ़े। कोर्पोरेट टैक्स को जिस तरह कम किया गया है। उसी तर्ज पर व्यापारी भाइयों को टैक्स स्लैब में कुछ राहत मिलना अत्यंत आवश्यक हो गया है।

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