गांधीनगर, गुजरात चुनाव खत्म होने का करीब दो महीने का समय बीत चुका है, इसके बावजूद कई विधायक सरकारी आवास खाली नहीं कर रहे| आज एक पूर्व विधायक आवास का ताला तोड़ उसका कब्जा लिया गया| पूर्व विधायक को इसकी जानकारी देने के बाद यह कार्यवाही की गई|
विधानसभा ने 7 पूर्व विधायकों को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस जारी किया था| ठासरा के विधायक कांति परमार के विधायक आवास खाली ना करने पर उन्हें सूचना देने के बाद सरकारी आवास का ताला तोड़ उसका कब्जा लिया गया है| मांगरोल के पूर्व विधायक बाबु वाजा, कालोल के सुमन चौहाण, रापर के संतोकबेन आरेथिया, माणसा के सुरेश पटेल, भरुच के दुष्यंत पटेल, खंभालिया के विक्रम माडम, अमराईवाडी के जगदीश पटेल, दरियापुर के ग्यासुद्दीन शेख, नारणपुरा के कौशिक पटेल, सिद्धपुर के चंदनजी ठाकोर, महुवा के राघवजी मकवाणा, कपड़वंज के कालू डाभी, आणंद कांतिभाई सोढा, बालासिनोर के अजीतसिंह चौहाण, खेडब्रह्मा के अश्विन कोटवाल, विसावदर के हर्षद रिबडिया और भावनगर ग्रामीण के पुरुषोत्तम सोलंकी भी विधायक आवास खाली नहीं कर रहे| पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सरकार के विसर्जन के डेढ़ साल का समय बीत जाने के बावजूद भाजपा के 16 विधायकों का सरकारी आवास से मोह नहीं छूट रहा| जिसके चलते भूपेन्द्र पटेल की पुरानी सरकार के 7 मंत्रियों ने फिर बंगले की मांग की है| गुजरात में सरकार बदलने के बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, पूर्व ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल और पूर्व गृह राज्यमंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा ने गत दिसंबर में भूपेन्द्र पटेल की नई सरकार के गठन के बाद सरकारी बंगले खाली कर उसकी चाबी मार्ग मकान विभाग को सौंप दी थी| लेकिन रूपाणी सरकार के 16 जितने पूर्व मंत्रियों ने अब तक सरकारी बंगले खाली नहीं किए|