गुजरात की स्कूलों में गुजराता भाषा का विषय अनिवार्य करने वाला विधेयक मंगलवार को राज्य विधानसभा में सर्व सहमति से पास हो गया| राज्य की प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चों की मातृभाषा गुजराती अनिवार्य रूप से पढ़ाई जाए यह सुनिश्चित करने के लिए ‘गुजरात अनिवार्य गुजराती भाषा की शिक्षा विधेयक 2023’ शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में पेश किया था| जिसमें राज्य की सभी शैक्षिक संस्थाओं में कक्षा 1 से 8 तक गुजराती भाषा में पढ़ाई अनिवार्य करने का प्रावधान है| आज विधानसभा ने इस पर मंजूरी की मुहर लगा दी है| इसके पास होने से अब आगामी शैक्षिक सत्र 2023-24 से सभी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 में गुजराती विषय की पढ़ाई अनिवार्य हो जाएगी| इसके प्रावधानों का उल्लंघन करने पर संबंधित स्कूलों के खिलाफ दंडनीय कार्यवाही की जाएगी| विधेयक में प्रावधान किया गया है कि पहली बार नियमों का उल्लंघन करने पर रु. 50000 का जुर्माना, दूसरी बार रु. 100000 और तीसरी बार उल्लंघन करने पर रु. 200000 का जुर्माना संबंधित स्कूल पर लगाया जाएगा| तीन दफा से अधिक बार नियम का उल्लंघन करने पर संबंधित शैक्षिक संस्था की मान्यता रद्द की जा सकती है| यह कानून राज्य के प्रत्येक बोर्ड और स्कूलों पर लागू होगा| जिसमें सीबीएससी की स्कूलें और केन्द्रीय विद्यालय भी शामिल हैं| नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने के साथ ही सजा का भी प्रावधान विधेयक में किया गया है| जुर्माने की रकम सक्षम अधिकारी घटा या बढ़ा सकते हैं| इस कानून के अमलीकरण के लिए सरकार उप निदेशक की नियुक्ति करेगी| स्कूलें अगर कानून का पालन नहीं करती हैं तो सजा से पहले उसकी पेशकश सुननी होगी| गैर गुजराती विद्यार्थियों को उनके अभिभावक के अनुरोध पर मुक्ति मिल सकती है|
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