मोरबी,मोरबी के झूलता पुल दुर्घटना के आरोपी और ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। पिछले 27 दिनों से जेल में बंद जयसुख पटेल की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। मोरबी जिला सत्र न्यायालय ने द्वारा जयसुख पटेल की जमानत याचिका खारिज करने से फिलहाल उन्हें जेल में ही रहना होगा। जयसुख पटेल ने मोरबी जिला सत्र न्यायालय में अंतरिम जमानत की याचिका दाखिल की थी।
गत 4 मार्च को मोरबी की कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी अपनी दलीले पेश की थीं। जयसुख पटेल के वकील ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए दलील दी कि बैंक का काम और पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए उनके मुवक्कील जयसुख पटेल की अंतरिम जमानत मंजूर करनी चाहिए। इसके जवाब में सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि जयसुख पटेल तीन महीने से भागते फिर रहे थे और करीब एक महीने से जेल में बंद हैं। इसके बावजूद उनकी कंपनी बदस्तूर चल रही है। इससे साफ है कि जयसुख पटेल का बाहर आना जरूरी नहीं है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आज यानी 7 मार्च को अगले सुनवाई मुकर्रर की थी। आज मोरबी के जिला सत्र न्यायालय ने मोरबी दुर्घटना के आरोपी जयसुख पटेल की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने ओरवे कंपनी के एमडी को मोरबी दुर्घटना के मृतकों के परिजनों को रु. 10-10 लाख की सहायता राशि देने का आदेश दिया था। साथ ही इस दुर्घटना के प्रत्येक घायलों को रु. 2-2 लाख की सहायता देने का भी आदेश दिया था। अपना फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि मुआवजा या सहायता राशि देने से पुलिस कार्यवाही से राहत मिलेगी ऐसा आरोपी को नहीं मानना चाहिए। केस की कार्यवाही और मुआवजे से कोई संबंध नहीं है।