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भेस्तान इलाके की अजीबो गरीब घटना, 20 हजार के लेनदेन में अपहरण के बाद तलाश कर लाए गए युवक ने कहा – ‘मैं स्वेच्छा से आया हूँ’

क्रांति समय

सूरत शहर के भेस्तान इलाके से एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है। भेस्तान में बालाजी कॉम्प्लेक्स के पास संगम सोसाइटी में रहने वाले और कड़िया का काम करने वाले दत्तू गिरिधर पाटिल ने दो महीने पहले सचिन इलाके में लाला के साथ काम किया था। पाटिल ने कड़िया काम के लिए लाला को समय पर 35,000 रुपये नहीं दिए। इसलिए जब लाला ने मजदूर संघ से शिकायत की तो संघ ने दोनों के बीच समझौता करा दिया और दत्तू को 5000 रुपये प्रति माह लाला को देने का आदेश दिया। आदेश के अनुसार, दत्तू ने 15,000 रुपये का भुगतान किया था लेकिन लाला बार-बार घर आकर गाली देता था।

इस बीच दत्तू जब भेस्तान क्षेत्र में कड़िया काम करने गया और वापस नहीं लौटा लेकिन दत्तू ने अपनी बेटी जो छुट्टी पर घर पर थी उसे फोन कर बताया की लाला ने मुझे रुपये के लिए उठा लिया है और मुझे राजपीपला ले गया। लाला ने फोन पर तुरंत पैसे देने की धमकी दी। और कहा की चाहे जेसे भी मुझे पैसे दो, नहीं तो मैं तुम्हारे पिता के हाथ-पैर तोड़ दूंगा। उसके बाद उसने चार से पांच बार फोन कर कल सुबह दस बजे तक पैसे नहीं देने पर तुम्हारे पिता को जान से मारने की धमकी देने लगा। तो उसके बेटे तुषार ने तुरंत पांडेसरा पुलिस को सूचना दी और पुलिस में भाग खड़ी हुई। दत्तू की तलाश करते हुए पुलिस गुजरात मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित आबाज गांव पहुंची और दत्तू को मुक्त कराकर अपहरणकर्ता लालसिंह झुमरा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में दत्तू ने स्वीकार किया कि वह स्वेच्छा से बाइक पर लालसिंह के साथ आया था, यह जान कर पुलिस भी हैरान रह गई।

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