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दुनिया के सबसे बड़े कार्यालय के लिए पीएसपी कंपनी और हीरा उद्योग आमने-सामने, डायमंड बुर्स-डेवलपर के बीच का विवाद गहराया

क्रांति समय

डायमंड बुर्स बनाया गया है, लेकिन इस के साथ ही एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया क्योंकि इसके भुगतान पर कुछ वैध मांगें उठीं। सूरत डायमंड बर्से का निर्माण देश की जानी-मानी पीएसपी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने किया है। सूरत डायमंड बुर्स के निदेशकों द्वारा पीएसपी कंपनी को 538 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया है, इसलिए कंपनी द्वारा कोर्ट में अब तक बकाया पैसे पर ब्याज सहित कुल 631 करोड़ रुपये का दावा किया गया है। ये विवाद दिन-ब-दिन और भी ज्यादा चर्चित होता जा रहा है। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डायमंड बुर्स का उद्घाटन करने आ रहे हैं तो दूसरी तरफ पूरे प्रोजेक्ट पर उठे विवाद के कारण कई मुद्दे चर्चा में आ गए हैं।

सूरत डायमंड बुर्स के निदेशक लालजी पटेल ने कहा कि पीएसपी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सिर्फ दो फीसदी रुपये देना बाकी है। कोरोना की आड़ में हमसे गलत तरीके से पैसे की मांग की जा रही है। दो प्रतिशत बकाया है जो काम पूरा होने के बाद भुगतान कर दिया जायेगा। हर बार समय पर भुगतान किया गया है। कोरोना के समय भी हमने हर श्रमिक का अच्छे से ख्याल रखा और कंपनी को भी सहयोग किया।

पीएसपी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के वकील भागीरथ पटेल ने कहा कि आश्चर्यजनक रूप से सूरत डायमंड बर्से के निदेशकों की ओर से जवाब दिया जा रहा है। शायद उन्होंने हमारी याचिका का ठीक से अध्ययन नहीं किया। उन्होंने कहा कि काम अभी पूरा नहीं हुआ है और इसका दो प्रतिशत भुगतान भी बाकी है, लेकिन सच्चाई यह है कि सूरत डायमंड बुर्स का काम जून 2022 में ही पूरा हो गया था। हमें उनके द्वारा कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र भी दिया गया है। उन्होंने खुद हमें सर्टिफिकेट दिया है तो काम पेंडिंग होने की झूठी बात करने की जरूरत नहीं है।

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