सूरत नगर निगम ने 2139 करोड़ के संपत्ति कर लक्ष्य के मुकाबले 1223 करोड़ एकत्र किया
प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन में अब तक वराछा जोन 64.31 फीसदी के साथ सबसे आगे, सेंट्रल जोन 36.02 फीसदी के साथ पीछे
सूरत नगर निगम में चुंगी व्यवस्था समाप्त होने के बाद संपत्ति कर नगर निगम के राजस्व का मुख्य स्रोत बन गया है। इसके चलते नगर निगम संपत्ति कर की आय बढ़ाने के लिए पुनरीक्षण मूल्यांकन सहित अन्य कार्य कर रही है। इस वित्तीय वर्ष के लिए नगर पालिका का संपत्ति कर लक्ष्य 2139 करोड़ था। जिसमें से नगर पालिका ने तीन जनवरी तक 1223 करोड़ की वसूली कर ली है।
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मनपा के वराछा जोन के माध्यम से कर संग्रहण कार्यों को और अधिक आक्रामक बनाकर वराछा जोन प्रतिशत के मामले में मनपा के सभी जोन में अग्रणी है। नगर पालिका में 3 जनवरी को रांदेर जोन 59.57 प्रतिशत, सेंट्रल जोन-ए 36.02 प्रतिशत, सेंट्रल जोन-बी 43.82 प्रतिशत, कतारगाम जोन 56.77 प्रतिशत, वराछा जोन-ए 64.31 प्रतिशत, आठवां जोन 60.58 प्रतिशत, लिंबायत जोन 62.39 प्रतिशत, वराछा जोन-बी में 59.77 प्रतिशत, उधना बी कनकपुर जोन में 48.13 प्रतिशत वसूली हुई है।
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आगामी दिनों में नगर निगम द्वारा कोमर्शियल, इंडस्ट्रीयल और रेसिडेन्सीयल कर दाताओं से बकाया वसूली के लिए अभियान शुरू करने जा रहा है। कोमर्शियल और इंडस्ट्रीयल में जिनका संपत्ती कर बकाया होगा उनके नल और गटर का कनेक्शन काट दिया जायेगा। जिन संपत्तीधारकों का एक साल से अधिक कर बकाया है उनको सील लगाने की कार्यवाही की जायेगी।