सूरत, तक्षशिला के बाद एक बार फिर स्थानीय प्रशासन सुप्त अवस्था में था, राजकोट में आग लगने की घटना के बाद सरकार जाग गई है और महानगरों में अधिकारियों की तैनाती की जा रही है. सूरत कलेक्टर कार्यालय में एक बेहद अहम बैठक बुलाई गई. जिसमें उच्च अधिकारियों से लेकर सभी विभागीय अधिकारी मौजूद रहे. सूरत जैसे महानगर में समय-समय पर घटनाएँ होती रहती हैं. कपड़ा नगरी होने के कारण अलग-अलग बाजारों में भी आग लगने की घटना सामने आती रहती हैं. बड़े-बड़े व्यावसायिक परिसरों में भी आग लग जाती है, जिससे कई लोगों की जान भी चली जाती है. ऐसी स्थिति में जब जांच की जाती है तब NOC समेत महत्वपूर्ण प्रमाणपत्र नहीं मिल पाते हैं और घटना बनने के बाद उसकी चर्चा होती रहती है.
बैठक में सूरत पुलिस कमिश्नर अनुपमसिंह गहलोत ने बताया कि बैठक में कलेक्टर नगर निगम कमिश्नर समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा हुई. लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ सरकार द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों को लेकर राय ली गयी. उसके अनुसार कार्रवाई की जायेगी. उन जगहों पर सुरक्षा उपाय कैसे करें जहां बहुत अधिक लोग इकट्ठा हों? इस पर चर्चा हुई और टीम इस पर काम भी कर रही है. आने वाले दिनों में सभी विभाग उचित समन्वय स्थापित कर कार्य करेंगे. सुरक्षा को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी.
नगर निगम कमिश्नर शालिनी अग्रवाल ने बताया कि जिला कलेक्टर कार्यालय में पुलिस कमिश्नर, जिला कलेक्टर, अग्निशमन विभाग, शिक्षा विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने एक्शन प्लान तैयार की है. जहां लोग बड़ी संख्या में एकत्र होते हैं, उन्हें सुरक्षा के संबंध में किसी भी NOC या अनुमोदन लेने के लिए जांच की जाएगी. यह कार्रवाई पूरे शहर में एक अभियान के रूप में शुरू की गई है. सार्वजनिक सुरक्षा के लिए कोई भी जांच होगी. यदि इसमें कोई कमी पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.