सूरत, राजकोट की घटना के बाद अब सूरत का सिस्टम जाग गया है और अनेक प्रयास कर रहा है. पुलिस ने स्कूल बस चालकों, आरटीओ कर्मचारियों और यातायात विभाग के अधिकारियों की एक बैठक आयोजित की. गौरतलब है कि स्कूल वाहनों में भेड़-बकरियों की तरह बच्चों को स्कूल या अन्य स्थानों पर ले जाने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे, तब पुलिस आरटीओ और अग्निशमन अधिकारियों द्वारा स्कूल चालकों को निर्देशित किया गया था.
ट्रैफिक डीसीपी अमिता वानाणी ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक विभाग, शिक्षा विभाग और आरटीओ विभाग के अधिकारियों ने शहर के स्कूल वाहन चालकों के साथ बैठक आयोजित की. जिसमें उन्हें मार्गदर्शन दिया गया है और अपील की गई है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय गाइडलाइन के मुताबिक ही छात्रों को गाड़ी में बैठाया जा सकता है. जो भी वाहन चालक नियमों का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि सामान्य परिस्थितियों में देखा जाता है कि वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चों को बिठाया जाता है. फिर अगर दुर्घटना जैसी कोई घटना घटती है तो और भी बच्चों के घायल होने की संभावना हो जाती है. अक्सर ऐसी शिकायतें आती हैं कि यातायात विभाग और आरटीओ अधिकारी स्कूल बस चालकों से किश्तें वसूलने की भी चर्चा होती रहती हैं. इस कारण बड़ी संख्या में बच्चों को ले जाने वाले वाहन चालकों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हो पाती है.