सूरत, सूरत के मशहूर स्मीमेर कॉलेज के अंदर रंगरेलिया मनाए जाने की घटना के बाद पूरे मेडिकल क्षेत्र में हड़कंप मच गया है. स्मीमेर मेडिकल कॉलेज के ब्वॉयज हॉस्टल में एक रेजिडेंट डॉक्टर द्वारा थाई लड़की को हॉस्टल में बुलाने की घटना सामने आई है. स्मीमेर मेडिकल कॉलेज को शर्मसार करने वाली इस घटना को लेकर मेडिकल क्षेत्र में भी डॉक्टर की हरकतों की आलोचना हो रही है. एक ओर जहा बॉयज हॉस्टल में हुई इस घटना को लेकर शहर भर में बहस छिड़ गई है, वही दूसरी ओर सूरत नगर निगम की ओर से एक जांच कमेटी नियुक्त की गई है, जो पूरी रिपोर्ट तैयार करेगी. आखिरकार पूरी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कमिश्नर ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
बॉयज हॉस्टल में ऑन कॉल रेजिडेंट डॉक्टर ने डेढ़ साल पहले रैगिंग की थी, जिसमें वह खुद 6 महीने के लिए सस्पेंड हुआ था, लेकिन फिर भी रेजिडेंट डॉक्टर अपनी हरकतों से सीख नहीं ले रहा है. कॉलेज हॉस्टल में लड़की को इस तरह बुलाने की घटना ने एक बार फिर विवाद पैदा कर दिया है. स्मीमेर मेडिकल कॉलेज के ब्वॉयज हॉस्टल में हुई घटना के मामले में नगर निगम आयुक्त ने जांच कमेटी गठित कर दी है. जिसमें कुल 5 सदस्य तय किये गये हैं. डॉ. दीपक गुप्ता, डाॅ. विपुल श्रीवास्तव, डाॅ. अनुपमा देसाई, डॉ एमएन हक और असिस्टेंट प्रोफेसर राले को सदस्य बनाया गया है. जांच कमेटी को 24 घंटे के अंदर पूरी घटना पर रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया गया है. अब जांच कमेटी किस तरह से रिपोर्ट तैयार करती है और रेजिडेंट डॉक्टर द्वारा किए गए कार्यों में क्या बातें सामने आती हैं. अब सब की निगाह उस पर है.