सूरत, नीट घोटाला सामने आने के 13 दिन बीत जाने के बाद भी घोटाले की तह तक जाने के लिए केंद्रीय स्तर पर कोई जांच शुरू नहीं की गई है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी ‘कुछ गड़बड़ी’ की बात स्वीकारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है. हालाँकि, इस मामले में कोई केंद्रीय जाँच नहीं हुई है. NEET परीक्षा दोबारा कराने और दोषियों को सजा देने की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी ने सूरत में प्रदर्शन किया. यहां के एक छात्र ने बताया कि इस साल परीक्षा देने वाले छात्रों को अच्छे अंक आने के बाद भी चयनित सरकारी कॉलेज में दाखिला नहीं मिला. हमारी मांग है कि हमारे हित में निर्णय लिया जाए और परीक्षा दोबारा कराई जाए.
वेंसी पटेल ने कहा, जिस तरह से नीट परीक्षा का रिजल्ट आया है, उसे देखकर संदेह होता है. मेरे जैसे कई छात्र हैं जिन्हें अच्छे अंक प्राप्त करने के बावजूद अपने पसंदीदा कॉलेज में प्रवेश नहीं मिल पाता है. जिस तरह से रिजल्ट घोषित किया गया है उसमें कुछ छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए है. इससे कई तरह की शंकाएं पैदा हो रही है. अच्छे कॉलेज में दाखिला पाने के लिए छात्र कड़ी मेहनत करते है और दूसरी तरफ अगर ऐसे घोटाले होते हैं तो यह वाकई दुखद है. मेरी मांग है कि परीक्षा दोबारा कराई जाए ताकि छात्रों को न्याय मिल सके.
सरकारी कॉलेजों में एडमिशन पाने के लिए छात्र दिन-रात मेहनत करते है. कोचिंग सेंटरों में अभिभावक भारी भरकम फीस देते है. अब तक देखा जाता था कि सरकारी भर्ती परीक्षाओं में घोटाले सामने आते थे लेकिन इस बार NEET-UG जैसी परीक्षाओं में भी घोटाले हुए हैं जो कि बेहद गंभीर मामला है. इस पूरे घटनाक्रम में संदेह के कई बिंदु है. इस घटना में परीक्षा पंजीकरण तिथि का बार-बार विस्तार, परिणाम जल्दी घोषित करना, प्रश्न पत्रों में धोखाधड़ी, OMR उत्तर पुस्तिका घोटाले, रैंकिंग घोटाले, ग्रेस अंक घोटाले आदि जैसी कई गंभीर खामियां सामने आई है. जिससे पता चलता है कि ये कोई मानवीय भूल नहीं बल्कि जानबूझकर किया गया गंभीर अपराध है.