सूरत, पश्चिम रेलवे की विजिलेंस टीम ने सिटी लाइट मेघ समरन अपार्टमेंट के एक फ्लैट में छापेमारी कर रेलवे के तत्काल टिकट बनाने के धंधे का पर्दाफाश किया है. टिकट कालाबाजारी करने वाले रेलवे की वेबसाइट को हैक कर ग्राहकों से बड़ी मात्रा में कमीशन वसूलते थे. विजिलेंस अधिकारी ने दोनों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
पश्चिम रेलवे प्रणाली में मुंबई मंडल में सतर्कता के रूप में कार्यरत संजय कुमार सुधीर शर्मा ने एक गुप्त सूचना के आधार पर सिटी लाइट मेध समरन अपार्टमेंट में फ्लैट नंबर-9-बी पर छापा मारा. जिसकी जांच में फ्लैट निवासी राजेश विरपरी मित्तल ने लैपटॉप पर आईआरसीटीसी से अनधिकृत और अवैध सॉफ्टवेयर गदर और नेक्सस प्राप्त करके, उसने अलग-अलग फर्जी आईडी पासवर्ड के माध्यम से आईआरसीटीसी साइट को हैक किया, सभी सत्यापन और सुरक्षा प्रक्रियाओं को दरकिनार कर दिया और अपने संरक्षक दिनेश पटेल की मदद से ई-टिकट बनाया और वह यह टिकट अपने ग्राहकों को देता था और उनसे बड़ी मात्रा में कमीशन वसूलता था.
राजेश मित्तल के पास रेलवे के आईआरसीटीसी का लाइसेंस भी है. यद्यपि वह अपने लॉगिन आईडी पासवर्ड का उपयोग करके एक वैध प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन रेलवे टिकट बुक करने के लिए एक वैध एजेंट था, वह अपने वित्तीय लाभ के लिए रेलवे साइट को हैक करता था और ई-टिकटिंग मानदंडों का उल्लंघन करता था और अपने ग्राहकों को तत्काल टिकट जारी करता था और अधिक कमाता था. विजिलेंस के संजय कुमार द्वारा तत्काल टिकट घोटाले का खुलासा करने के बाद उमरा पुलिस ने दोनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.