बाड़मेर,सरकार माई बाप,नयी सरकार आयी है राज़ में ,पहले भी अशोक गहलोत के राज़ में पब्लिक की समस्यायों को सुननेवाले अधिकारी दिल से लोगों की समस्याओं को सुनकर त्वरित कार्रवाई करते थे लोगों में सरकारी अधिकारियों का फरमान की बात लोहे की लकीरें होती थी । लेकिन आजकल शायद पिछली राज्यसरकार की विफलताओं से घबराकर आजकल के अधिकारियों में राज्य सरकार का कोई भय नहीं है, जनता की परेशानियों को समझने के लिए कोई जवाबदेही वाले अधिकारियों की जरूरत है हमारे बाड़मेर जिले में ऐसे शब्दों को आप जिला मुख्यालय पर सरकारी अस्पतालों, सरकारी विभागों के आगे, रेल्वे स्टेशन ओर बस स्टैंड पर विशेष रूप से सुना करते हैं। बाड़मेर जिले में शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई नहीं होने पर परेशानियों से निजात पाने के लिए पिडीत राज्य सरकार के कभी सुगम समाधान, राजस्थान सम्पर्क पोर्टल, फिर एक सो ईक्यासी नम्बर ओर अब शायद ही सरकार जिम्मेदारी बढ़ाने के लिए एक नया कानून बनाने की कोशिश कर रही है की राज्य की जनता जनार्दन परेशान नहीं हो।
बाड़मेर जिले से पिछले एक दो दशकों से जनता की शिकायतों पर केन्द्र सरकार ओर राज्य सरकार के पास करीबन दस हजार शिकायतों को दर्ज किया गया है लेकिन धरातल पर आज भी वही समस्याएं वहां की वहां है ।
सभी अधिकारियों को जब भी सरकारी मंत्री, संत्री अपनी बैठक में जानकारी प्राप्त होने पर विशेष रूप से जनता जनार्दन की परेशानियों को दूर करने के लिए शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करने के आदेश देने के बाद भी बाड़मेर कलेक्ट्रेट में शिकायतों का निस्तारण नहीं होता है, होता है तो सिर्फ आंकड़ों में
सम्पर्क पोर्टल की शिकायतों को दर्ज करने के एक दो साल बाद कार्यवाही नहीं होने के कारण शिकायत संख्या10170202611207 दिनांक 06-10-2017 को सुगम समाधान राजस्थान कार्यालय के कर्मचारियों ने बताया की आप यह शिकायत जिला कलेक्टर के पास पेंडिंग हैं ,हमारे द्वारा आपकी शिकायतों को दर्ज किया जाएगा लेकिन कार्यवाही तों सरकारी अधिकारियों के द्वारा ही संभव होगी। और आप फिर से नया नम्बर पर शिकायत दर्ज कराएं और पुरानी शिकायतों पर कार्रवाई नहीं हुई है यह बात भी आप दर्ज करवा सकते हैं लेकिन फरियाद करने वाले ने बताया की दो साल से कोई कार्रवाई नहीं हुई है और फिर खानापूर्ति करने के लिए नयी शिकायत पर क्या कोई खास बात होगी बाड़मेर जिले में शिकायतों को ढूंढने के लिए फिर से सम्पर्क पोर्टल पर विशेष ध्यान देने की शिकायतों को दर्ज किया जाता है लेकिन पुरानी शिकायतों को आखिर ढूंढे कौन , राज्य सरकार ने जिला मुख्यालय पर लम्बे समय से विराजमान सरकारी दामादों को हटाने के लिए कार्मिक विभाग जयपुर से आदेश संख्या 0099 जारी दिनांक 08-05-2000 में तीन साल से ज्यादा समय से टिकें हुए सरकारी दामादों को हटाने के निर्देशों के बावजूद भी जिले में कई कर्मचारी आज़ भी दो दशकों से ज्यादा समय से जमें हुए हैं ।
राज्य सरकार के मुखिया अशोक गहलोत ने राज्य में नई सरकार बनाने के बाद आमजनता में एक नया उत्साह ओर उमंग की एक किरण जगी है कि सरकार हमारी सुध जरूर लेंगी लेकिन पिछली सरकार का पतन भी राज्य की जनता जनार्दन के द्वारा ही किया गया था। जनता की समस्यायों को पहले गांवों में, तहसील स्तर पर, जिला मुख्यालय पर, सम्भाग स्तर पर ओर कार्यवाही नहीं होने पर जयपुर में सम्पर्क पोर्टल या फिर सरकारी नेताओं के आगे
राज्य में सुशासन लाने के लिए सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं की कोई भी परेशान व्यक्ति हमारे पास जयपुर तक शिकायतों को लेकर नहीं आएगा जनता की परेशानियों को समझने के बाद
समाधान करने की जरूरत है लेकिन ओर परेशान नहीं किया जाएं ।