राजू चारण बाड़मेर, जिले में कहीं पर भी आगजनी की घटनाएं अमूमन होती रहती है, सरकार द्वारा आमजनता के घरों ओर खेत खलिहानों में आग लगने के बाद भी पिडीतो की परेशानियों को समझने के लिए जिम्मेदार कोई अधिकारी भी नहीं है। कहने को तो नगर परिषद आयुक्त को जिम्मेदारी सौंपी गई है लेकिन वह भी कोरी खानापूर्ति कर रहे हैं लोगों के घरों को उजाड़ने में किसी प्रकार की कोई गुंजाइश नहीं रखते हैं।पिछले पांच सालों के आंकड़ों को देखें तो बाड़मेर के शहरी क्षेत्र में आगजनी की 500 और सम्पूर्ण जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 250 की घटनाएं हो चुकी है और करीब करीब सभी के घर बार स्वाहा हो गया था।लाखों करोड़ों रुपए की धनराशि ओर पशुओं को भी आगजनी का शिकार होना पड़ा।समय समय पर पटवारी ओर तहसीलदारों की रिपोर्ट के अनुसार उनको कुछ सरकारी अनुदान या मुआवजा भी दिया गया है।
राज्य सरकार द्वारा अग्निशमन विभाग बाड़मेर जिले के लिए फायरमैन के इक्कीस पदों में से चार पद रिक्त हैं ओर सत्रह पदों के बावजूद भी चार पांच फायरमैन नगर परिषद में सरकारी कुर्सियों के मोह को छोड़ नहीं रहें हैं बाकी बचे तेरह फायरमैन तो जैसे तैसे जुगाड़ू कामकाज कर रहे हैं आगजनी में आम लोगों से सहयोग लेकर,आगजनी होने पर अधिकारियों को बताओ लेकिन फिर भी जिनके आशियाने जलते हैं उनका तो रामजी ही मालिक है।शर्मनाक बात इससे ज्यादा क्या होगी कि फायरबिग्रेड वाहन को चलाने के लिए स्वीकृत भी रिक्त हैं।बाड़मेर जिले के सभी विधायकों ने अपने अपने क्षेत्रों में आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार को या विधानसभा में अपनी बात जरूर रखीं होगी लेकिन कामकाज करने वाले फायरमैन होने के बाद भी आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए सरकारी अधिकारियों की हठधर्मिता के आगे आग बुझाने के सारे तामझाम बैकार है।
जिला कलेक्टर चाहे तो फायरमैन होने के बाद भी अग्निशमन विभाग में कार्यरत स्टाफ का समय-समय पर अवलोकन जरूर करें लेकिन धरातल पर सरकारी काम-काज को दुरस्त करने की जरूरत है।
आज़ गुड़ामालानी क्षेत्र में एक बस जलकर स्वाहा हो गई आग बुझाने के सारे तामझाम बैकार साबित हो गए, मौके पर अगर फायरबिग्रेड वाहन पहुंचते तो नुकसान होने से बच जाते ओर आग लगने के बावजूद भी मेगा हाइवे पर वाहनों की आवाजाही हों रही थी लेकिन बड़े हादसा हो सकता था। कुछ वाहनों में केमिकल भरा हुआ था उनको रोकने की जरूरत थी लेकिन आवागमन हो रहा था।विधायक मेवाराम जैन ने बताया की जिला कलेक्टर से मिलकर जिले में आगजनी की घटनाओं की रोकथाम के लिए कडे क़दम उठाने की जरूरत है और