कोलकाता, (हि.स.)। विश्व क्षय रोग (टीबी) दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देशवासियों को एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया है। रविवार सुबह मुख्यमंत्री ने इस बारे में ट्वीट किया। ममता ने लिखा कि आज विश्व क्षय रोग दिवस है। आइए हम सभी मिलकर विश्व को टीबी मुक्त बनाने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लें।
उल्लेखनीय है कि 1882 में क्षय रोग (टीबी) के जीवाणु की खोज करने वाले डॉ. रॉबर्ट कोच की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को ‘विश्व क्षय रोग दिवस’ मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व क्षय रोग दिवस का घोष वाक्य है:- ‘इट्स टाइम’ (यही समय है)। इस भावना के अनुरुप, भारत ने वैश्विक लक्ष्य से पांच वर्ष पूर्व ही अर्थात् वर्ष 2025 तक क्षय रोग के उन्मूलन की अपनी प्रतिबद्धता और इरादों को दोहराया है। यह समय-सीमा काफी मुश्किल है फिर भी, इस रोग को समाप्त करने की हमारी इच्छाशक्ति को देखते हुए, इसे प्राप्त किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2030 तक पूरे विश्व से टीबी समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। जबकि भारत सरकार ने 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने का लक्ष्य रखा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सक्रिय क्षय रोग खोजी अभियान चलाकर टीबी मुक्त की पहल शुरू की है। यह पहल टीबी प्रतिक्रिया को तेज करने और देखभाल तक पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से डब्लूएचओ ने यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की ओर समग्र ड्राइव के रूप में शुरू की है।
दुनिया में छह-सात करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं और प्रत्येक वर्ष 25 से 30 लाख लोगों की इससे मौत हो जाती है। देश में हर तीन मिनट में दो मरीज क्षयरोग के कारण दम तोड़ देते हैं। हर दिन 40 हजार लोगों को इसका संक्रमण हो जाता है। टी.बी. रोग एक बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है। इसे फेफड़ों का रोग माना जाता है, लेकिन यह फेफड़ों से रक्त प्रवाह के साथ शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है, जैसे हड्डियाँ, हड्डियों के जोड़, लिम्फ ग्रंथियाँ, आँत, मूत्र व प्रजनन तंत्र के अंग, त्वचा और मस्तिष्क के ऊपर की झिल्ली आदि।