शिमला, (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार देर शाम हिमाचल प्रदेश की सभी चारों लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। हमीरपुर और मंडी सीटों पर भाजपा ने वर्तमान सांसदों पर विश्वास जताया है। साथ ही कांगड़ा और शिमला सीटों से सांसद शांता कुमार और वीरेंद्र कश्यप का टिकट काटकर उनके स्थान पर मौजूदा विधायकों किशन कपूर व सुरेश कश्यप को प्रत्याशी बनाया है। किशन कपूर हिमाचल सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और गद्दी समुदाय से तालुक रखते हैं। प्रत्याशी चयन में भाजपा ने जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का भी ध्यान रखा है।
भाजपा का गढ़ हमीरपुर सीट पर अनुराग ठाकुर चौथी बार किस्मत आजमाएंगे। इस सीट से वह जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। उन्होंने पहली बार साल 2008 में लोकसभा का उप चुनाव जीता था। इसके बाद 2009 व 2014 में आम चुनाव जीता। बीते लोकसभा चुनाव में उन्होंने राजेंद्र राणा को पराजित किया था। अनुराग युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। 2016-17 में वह बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे और प्रदेश में क्रिकेट व अन्य खेलों के विकास में खासा योगदान रहा है। धर्मशाला में खूबसूरत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण का श्रेय अनुराग को जाता है।
मंडी संसदीय क्षेत्र की हाई प्रोफाइल सीट पर मौजूदा सांसद रामस्वरूप शर्मा टिकट हासिल करने में कामयाब रहे। साल 2014 में पहला चुनाव लड़ रहे रामस्वरूप ने कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को पराजित कर सबको चौंका दिया था।
शिमला सीट से लगातार दो बार जीत दर्ज करने वाले वीरेंद्र कश्यप का टिकट काटकर भाजपा ने विधायक सुरेश कश्यप पर दांव खेला है। वीरेंद्र कश्यप 2009 में पहली बार जीते थे। इसके बाद 2014 में मोदी लहर में उन्होंने लगातार दूसरी बार विजय हासिल की। पहले उनकी टिकट सुरक्षित बताई जा रही थी लेकिन भाजपा के अंदरूनी सर्वे में उनकी स्थिति कमजोर होने से टिकट की बाजी पलट गई। वीरेंद्र कश्यप की जगह प्रत्याशी बनाए गए सुरेश कश्यप सिरमौर जिला के पच्छाद से विधायक हैं। वह कांग्रेस के दिग्गज गंगूराम मुसाफिर को लगातार दो बार शिकस्त दे चुके हैं। साल 2005 में बीडीसी सदस्य के रूप में उन्होंने अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था।
कांगड़ा सीट से शांता कुमार के चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद भाजपा ने किशन कपूर को उम्मीदवार बनाया है। किशन कपूर भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। वह 1990, 1993, 1998 2007 तथा 2017 में विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। कपूर की छवि ईमानदार राजनेता के तौर पर है। वह वरिष्ठ भाजपा नेता शांता कुमार के करीबी रहे हैं। पहली बार कपूर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
कुल मिलाकर सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित हो जाने के बाद भाजपा का ध्यान चुनाव प्रचार पर केंद्रित हो गया है। अब भाजपा रैलियों व अन्य माध्यमों से चुनाव प्रचार को तेज करने जा रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में भाजपा 400 छोटी-बड़ी रैलियां आनेवाले दिनों में करेगी।