यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस जैसी अन्य पार्टियों ने भी इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया, फिर भाजपा ही निशाने पर क्यों? उन्होंने कहा कि भाजपा अभी सत्ताधारी पार्टी है और मोदी प्रधान मंत्री हैं । उन्होंने कहा, हम भाजपा या हमारे पीएम मोदी के खिलाफ नहीं हैं। सत्ता संभालने से पहले, मोदी जी ने हमारी मांगों को पूरा करने का वादा किया और हमारी आय दोगुनी करने का आश्वासन दिया। अय्याकन्नू ने कहा कि केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था जिसमें कृषि उपज के लिए लाभदायक मूल्य, राष्ट्रीयकृत सहित सभी बैंकों से कर्ज माफी और 5,000 रुपये पेंशन शामिल है।
नवंबर 2018 में, अय्याकन्नु के नेतृत्व में किसान रैली में भाग लेने के लिए किसान दो खोपड़ियों के साथ दिल्ली गए थे। उनका कहना था कि यह खोपड़ियां उनके सहयोगियों की हैं जिन्होंने कर्ज में दबकर आत्महत्या कर ली।
तो प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ परचा भरेंगे तमिलनाडु के 111 किसान
तमिलनाडु के किसानों ने अपनी मांगों को भाजपा के घोषणापत्र में शामिल कराने के लिए दबाव बनाया है। किसान नेता पी अय्याकन्नू ने शनिवार को कहा कि अगर उनकी मांगों को घोषणापत्र में जगह मिलती है तो ठीक वरना 111 किसान मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे।
तमिलनाडु के किसानों ने कृषि उपज के उचित मूल्य, पूर्ण कर्ज माफी के साथ विभिन्न मांगों को लेकर 2018 में दिल्ली में आंदोलन किया था। किसान नेता ने कहा कि अगर हमारी मांगें पूरी करने का सरकार आश्वासन देती है तो हम चुनाव लड़ने का फैसला छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के फैसले को हर जगह किसानों का समर्थन मिल रहा है।