हरदोई, (हि.स.)। हरदोई सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के घोषित प्रत्याशी जयप्रकाश रावत का इतिहास हर चुनाव में दल-बदल करने का रहा है। 1991 से 2019 तक हुए चुनावों वे भाजपा से लेकर सपा और बसपा तक की परिक्रमा लगा चुके हैं।
जयप्रकाश रावत पहली बार हरदोई लोकसभा क्षेत्र से रामलहर में 1991 में और दूसरी बार 1996 में इस क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुने जा चुके हैं। 1998 में चुनाव हारने के बाद वे 1999 में लोकतांत्रिक कांग्रेस से चुनाव लड़कर लोकसभा में पहुंचे। जयप्रकाश रावत ने 2004 में सपा में शामिल होकर लखनऊ की मोहनलाल गंज सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की। 2009 में वह बसपा से मोहनलालगंज से लड़े पर चुनाव हार गए। फिर वे बसपा कोटे से राज्यसभा पहुंचने में सफल रहे। 2014 में वह फिर सपा के टिकट पर मिश्रिख सीट से चुनाव लड़े लेकिन उन्हें मोदी लहर के चलते एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा।
एक साल पहले ही वे बीजेपी में शामिल हुए और आते ही उन्होंने टिकट के लिए दावेदारी पेश कर दी और वे टिकट पाने में सफ़ल भी रहे। 61 वर्षीय जयप्रकाश रावत स्नातक तक शिक्षित हैं। समीपवर्ती उन्नाव जिले के सफीपुर ब्लाक के रोलिया मुंडा गांव के वे मूल निवासी हैं। हरदोई के आवास विकास के सी ब्लाक में उनका एक निजी आवास है जो उन्होंने पहली बार सांसद चुने जाने पर बनवाया था। यह मकान उनके सांसद कार्यालय के तौर पर प्रयोग होता रहा है।