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पांच करोड़ हिंदू शरणार्थियों के प्रतिनिधि ने कहा : भाजपा सरकार बनेगी तभी मिलेगा न्याय

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कोलकाता,  (हि.स.)। देशभर में रहने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नागरिकता (संशोधित) विधेयक को लेकर देशभर के शरणार्थियों को भाजपा पर ही भरोसा है। यह दावा अखिल भारतीय बंगाली शरणार्थी समन्वय संघ के केंद्रीय अध्यक्ष सुभाष विश्वास ने शनिवार को किया है। कोलकाता प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दशकों से भारत में रह रहे शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए आंदोलन चलाया जा रहा है लेकिन पूर्ववर्ती किसी भी सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि 2014 में राजनाथ सिंह ने उनके आंदोलन को समर्थन किया था जिसके बाद 2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक लाया गया है।
सुभाष ने कहा कि देशभर में कम से कम पांच करोड़ हिंदू शरणार्थी रहते हैं जिनके दशकों के आंदोलन को भाजपा ने मूर्त रूप देने की शुरुआत की है। उन्होंने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज देश में रहने वाले करोड़ों हिंदू शरणार्थियों को जिस उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है उसके लिए कांग्रेस की सरकार जिम्मेदार हैं जिन्होंने आज तक शरणार्थियों की समस्याओं पर कभी कोई ध्यान नहीं दिया। राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों का नाम लिए बगैर उन्होंने इशारे-इशारे में कहा कि आज भाजपा ने नागरिकता के लिए पहल की है और विधेयक लाया है। सभी पार्टियों ने मौखिक तौर पर इसका समर्थन तो जरूर किया है लेकिन राज्यसभा में पारित करने में कोई मदद नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नागरिकता सुनिश्चित करने के लिए देशभर में रहने वाले पांच करोड़ हिंदू शरणार्थियों को भाजपा को मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार बनेगी तो आश्वस्त किया गया है कि नागरिकता विधेयक पारित होगा और दशकों से चले आ रहे आंदोलन को सफलता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि देश के पांच करोड़ लोगों के साथ पश्चिम बंगाल में 26.5 मिलियन बांग्लादेशी शरणार्थी भी अपनी स्थिरता की ओर बढ़ रहे हैं। हिंदू शरणार्थियों की इस स्थिति के लिए, उन्होंने सीधे तौर पर पिछली कांग्रेस सरकार को दोषी ठहराया। इस संबंध में, उन्होंने कहा, कांग्रेस के पाप का परिणाम शरणार्थी समस्या है। पूरे देश में नागरिकता बिल पर दोहरा रवैया है। हालांकि सभी पक्ष नागरिकता की मौखिक समर्थन करते हैं, लेकिन यह राज्यसभा में पारित नहीं हुआ है।
यहां तक ​​कि अपने घोषणा पत्र में, किसी भी पार्टी ने नागरिकता पर एक मसौदा प्रकाशित नहीं किया है। एकमात्र भारतीय सार्वजनिक पार्टी ने नागरिकता का एक मसौदा प्रकाशित किया और सरकार बनाने पर 2019 में बिल का निपटान करने का वादा किया। शरणार्थी संघ के केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा, हिंदू शरणार्थियों के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए भाजपा को मजबूत करना होगा।
पहले ही उन्होंने लोकसभा में बिल पारित कर दिया। लेकिन बहुमत न होने के कारण यह राज्यसभा में पारित नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि नागरिकता विधेयक पारित होने के बाद देशभर में रहने वाले करोड़ों शरणार्थियों को कई तरह की यातनाओं से मुक्ति मिलेगी।

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