Home उत्तर प्रदेश गोमती रिवर फ्रंट में घोटाला करने वाले इंजिनियरों की एक करोड़ की...

गोमती रिवर फ्रंट में घोटाला करने वाले इंजिनियरों की एक करोड़ की संपत्तियां जब्त

174
0

लखनऊ (ईएमएस)। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में बने गोमती रिवर फ्रंट में कथित तौर पर घोटाला करने वाले इंजिनियरों की एक करोड़ रुपये की संपत्तियां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जब्त की हैं। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (2002) के तहत प्रॉजेक्ट से जुड़े तीन इंजनियर्स की पांच अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया है।
आपको बता दें कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार बनने के बाद ही इस मामले में जांच के आदेश दिए गए थे। इसी साल जनवरी महीने में ईडी ने नोएडा, गाजियाबाद, राजस्थान और हरियाणा की कई जगहों पर छापेमारी की थी। इन छापेमारी में ईडी ने दस्तावेज मिलने का भी दावा किया था।
ज्ञात रहे कि प्रदेश की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (एसपी) सरकार में शुरू हुए रिवर फ्रंट प्रॉजेक्ट की जांच की आंच तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव और सिंचाई मंत्री शिवपाल शिवपाल यादव सहित कई बड़ों तक पहुंच सकती है। इस मामले में ईडी ने सिंचाई विभाग के तत्कालीन चीफ इंजिनियर गुलेश चंद्रा (रिटायर्ड), एसएन शर्मा, काजिम अली, तत्कालीन सुपरिटेंडेंट इंजिनियर (रिटायर्ड) शिव मंगल यादव, अखिल रमन (रिटायर्ड), रूप सिंह यादव (रिटायर), कमलेश्वर सिंह और एक्जिक्यूटिव इंजिनियर सुरेंद्र यादव के खिलाफ गबन, धोखाधड़ी, जालसाजी, घूसखोरी, भ्रष्टाचार और सरकारी पद के दुरुपयोग के आरोप में सबसे पहली एफआईआर दर्ज की थी।
ईडी की अब तक की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि गोमती रिवर फ्रंट प्रॉजेक्ट में मनमाने तरीके से टेंडर बांटे गए। डायफ्रॉम वॉल की ऊंचाई 14 फुट से बढ़ाकर 16.5 और बाद में 18 फुट तक कर दी गई। कई निर्माण कंपनियों और ठेकेदारों को टेंडर की तारीख निकलने के बाद टेंडर दिए गए। निर्माण से जुड़े फंड को बिना आदेश के डायवर्ट किया गया।
गोमती रिवर फ्रंट का काम अखिलेश सरकार में 2015 में शुरू हुआ था। इसका शुरुआती बजट 550 करोड़ रुपये था। बाद में इसकी लागत बढ़कर 1467 करोड़ रुपये हो गई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here