पटना (ईएमएस)। बिहार इन दिनों भारी बारिश और बाढ़ की मार झेल रहा है। बिहार में बाढ़ के कारण अबतक 25 लोगों की मौत हो चुकी है। बिहार बाढ़ पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार विधानसभा में जानकारी दी। नीतीश ने बताया कि उन्होंने दो दिन करीब साढ़े चार घंटे बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया है। नीतिश ने कहा कि ज्यादा बारिश और नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया और बाढ़ की स्थिति आ गई। वहीं विधानसभा के बाहर आरजेडी नेताओं ने राबड़ी देवी ने नेतृत्व में राज्य सरकार का विरोध किया। नीतीश कुमार ने कहा, ‘बागमती और कमला बेलान नदी में पानी खतरे के निशान से ऊपर होने की वजह से शिवहर और मुजफ्फरपुर समेत कई जिलों में बाढ़ की स्थिति है। 1987 के बाद कमला बलान नदी में इतना पानी आया है। उन्होंने कहा कि सीतामढ़ी और मधुबनी जिला भी प्रभावित है। नीतीश ने कहा कि उन्होंने सभी बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम के साथ समीक्षा बैठक की और राहत एवं बचाव कार्य तेज करने का आदेश दिया है।
नीतीश ने बताया कि बाढ़ से निपटने और बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 25 मोटरबोट के साथ 26 टुकड़ियां तैनात की गई है। उन्होंने बताया कि अबतक 1 लाख 25 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया जा चुका है। नीतीश कुमार ने कहा कि 199 राहत कैंप लगाए गए हैं और 676 कम्युनिटी किचन की भी सुविधा कर दी गई है।
बता दें कि बारिश और बाढ़ के चलते 12 जिलों में स्थिति खतरनाक है। बाढ़ से 24 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इन जिलों में शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, सहरसा और कटिहार शामिल है। भारी बारिश की वजह से बिहार की तमाम नदियों में बाढ़ का पानी 600 और गांवों में फैल चुका है। उत्तरी बिहार के नौ जिलों के करीब 18 लाख लोग बाढ़ की आपदा झेल रहे हैं।