छिंदवाड़ा (ईएमएस)। एक विवाहित त्री के लिए मंगलसूत्र क्या मायने रखता है यह बिते समय की बात हो गई है अब यह परंपरा बनकर रह गई है।दरअसल आधुनिकता के दौर में मंगलसूत्र मात्र एक आभूषण बनकर रह गया है।परामर्श केन्द्र में गुरूवार के दिन पेशी पर आए पति ने टूटा मंगलसूत्र परामर्शदात्रियों को दिखाते हुए कहा कि क्या एक पत्नी अपने हाथ से मंगलसूत्र तोड़कर पति के मुंह में मार सकती है किन्तु ये जो आपके सामने बैठी है इसने अपने हाथों से अपने गले का मंगल सूत्र तोड़कर मेरे मुंह पर मारा था पति का आरोप सुनते ही पत्नी बरस पड़ी और उसने कहा कि मुझ पर हाथ उठाने से पहले सोचना चाहिए था तुमने मुझ पर हाथ उठाया ही क्यों इस पति ने भी तिखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मेडम जी जब इसने मुझे मार ही लिया था तो मंगलसूत्र क्यों तोड़ा इस दंपत्ति के मध्य काफी देर तक इसी तरह की तकरार होती रही।केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार भिमालगोंदी मायके में बैठी इस पत्नी ने पति को स्पष्ट कह दिया जो पति अपनी पत्नी पर हाथ उठाता है ऐसे पति के साथ मैं रहना नही चाहती। भंडारकुंड निवासी पति का कहना था जो पत्नी पति के जीते जी मंगलसूत्र तोड़ दे उससे मैं भी क्या वास्ता रखूंगा पक्षो के मध्य तकरार को देखते हुए उन्हें सोचने के लिए आगामी पेशी दी गई।
पहली से लिया तलाक दूसरी से बेवफाई –
एक अन्य प्रकरण में पति ने अपनी पहली पत्नी से उसके चरित्र पर शक को लेकर तलाक ले लिया था दूसरी शादी सामाजिक रीतिरिवाज से की 6वर्ष तक ये शादी भी ठीक ठाक चलती रही। अब पति किसी अन्य महिला से दोस्ती किए हुए है जिसको उसने स्कूटी तथा मोबाईल लेकर दिया है इसी बात को लेकर पत्नी ने परामर्श केन्द्र में आवेदन दिया था समझाईश के बाद पक्षों के मध्य सुलह ना होने से आगामी पेशी में उन्हें पुन: बुलाया गया।केन्द्र में एक मामले में समझौता मनीषा ठाकुर, ज्योति राठौड, मंजू बैस, सिस्टर शलिनी, रीना देशमुख ने कराया।