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जनता के सेवक के उपचार का खर्च का बोझ भी जनता पर

अहमदाबाद (ईएमएस)| बेहतर उपचार सुविधा की उम्मीद के साथ जनता जिन प्रतिनिधियों को चुनकर भेजती है, वह जनता के खर्च पर अपनी बीमारी का उपचार करा रहे हैं| सक्षम विधायक जिनकी करोड़ों की संपत्ति है, वह भी जनता के लाखों रुपए अपने उपचार में झोंक रहे हैं| करोड़पति विधायकों के लाखों रुपए के मेडिकल बिल पेश किए जाने पर उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने नाराजगी व्यक्त की है| साथ ही सक्षम विधायकों को मेडिकल बिल पेश नहीं करने की नसीहत दी है| उन्होंने कहा कि विधायकों का वेतन अब एक लाख रुपए हो गया है, इसके बावजूद ज्यादातर विधायक मेडिकल बिल पेश कर रहे हैं| फैक्ट्री और होटलों के मालिक विधायक लाखों का मेडिकल पेश करते हैं| नितिन पटेल ने कहा कि मैं कभी भी मेडिकल बिल पेश नहीं करता|
दरअसल लाखों का वेतन और करोड़ों रुपए कमाने वाले कई विधायक ने लाखों रुपए का मेडिकल एलाउंस लिया होने का आरटीआई में हुआ है| एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने 2012 और 2017 कितने विधायकों ने अपनी संपत्ति कितनी दर्शाई है और अपने उपचार कितनी सरकारी रकम खर्च की है, इसकी जानकारी मांगी थी| जिसमें चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि 30 से 35 प्रतिशत विधायक अपनी संपत्ति करोड़ों बताई, परंतु लाखों रुपए के मेडिकल बिल वसूले हैं| जनता के खर्च पर उपचार करानेवाले विधायकों में निरंजन पटेल ने रु. 5.72 लाख, मितेश गराशिया ने 5.91 लाख रुपए, भाजपा के प्रदेश प्रमुख जीतु वाघाणी ने रु. 3.70 लाख, झगडिया के विधायक छोटु वसावा ने रु. 6.56 लाख, साणंद के तत्कालीन विधायक करमशी मकवाणा ने 4.62 लाख रुपए, रामसिंह परमार और पूंजा वंश ने रु. 4.50 लाख, रमेश चावडा और मोहन राठवा ने रु. 4-4 लाख, वडगाम के मणीभाई वाघेला ने रु. 4.20 लाख, पूर्व विधायक पंकज मेहता ने रु. 3.60 लाख, जोइता पटेल ने रु. 3 लाख, करमशी पटेल ने 4 लाख मेडिकल बिल मंजूर करवाए हैं| इन विधायकों में मितेश गराशिया स्वयं डॉक्टर हैं| इसके अलावा अंजार से विधायक नीमा आचार्य खुद और उनके पति भी डॉक्टर हैं, इसके बावजूद उन्होंने सरकार से मेडिकल खर्च लिया है|

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