नई दिल्ली (ईएमएस)। नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक के विरोध में डॉक्टरों की हड़ताल से सरकारी अस्पतालों की सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रहीं है। इससे एम्स, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया, लोकनायक जैसे राजधानी के प्रमुख अस्पतालों में ओपीडी से लेकर वार्ड की सेवाएं और इमरजेंसी प्रभावित रही। इस दौरान दिल्ली में करीब 80 हजार मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ। हड़ताल की वजह से दिल्ली के 40 से अधिक सरकारी अस्पतालों में करीब पांच हजार सर्जरी रद्द हो गईं।
– एम्स में 700 सर्जरी टलीं
एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक एम्स में गुरुवार को लगभग 700 छोटी और बड़ी सर्जरी होनी थीं। हड़ताल की वजह से ये सर्जरी रद्द हो गईं। वहीं सफदरजंग में लगभग 300, लोकनायक अस्पताल में 110, जीबी पंत में 80, जीटीबी अस्पताल में 50 और दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में 70 सर्जरी रद्द हुईं।
– हड़ताल का बड़ा असर
एम्स, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया, लेडी हार्डिंग, लोकनायक, जीबी पंत, गुरू तेग बहादुर अस्पताल (जीटीबी) दीन दयाल उपाध्याय, हिंदूराव जैसे बड़े अस्पतालों में हड़ताल का सबसे अधिक असर रहा। यहां आपातकालीन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रहीं। राजधानी दिल्ली में लगभग 15 हजार रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहे। एम्स और सफदरजंग के रेजिडेंट डॉक्टरों ने अस्पताल से संसद मार्च शुरू किया। इस दौरान काफी समय के लिए दोनों अस्पतालों के बीच से जाने वाला रास्ता बंद रहा। वहीं कुछ डॉक्टरों ने संसद भवन के सामने प्रदर्शन किया। पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर मंदिर मार्ग थाने ले गई।