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370 का जश्न फीका पड़ा, छोड़ कर चली गई सुषमा.

नई दिल्ली (ईएमएस)। भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात को निधन हो गया। बताया जा रहा है उनके सीने में दर्द हुआ, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। वे पिछले काफी समय से अस्वस्थ चल रही थीं। वह 67 साल की थीं। पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत ख़राब है। इसी वजह से उन्होंने लोकसभा का चुनाव भी नहीं लड़ा था। उन्हें 9 बजकर 50 मिनट पर एम्स लाया गया। उनका परिवार उनको एम्स लेकर आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ग्रह मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह सहित भाजपा नेता नितिन गडकरी और स्वास्थ मंत्री डॉ. हर्षवर्धन एम्स पहुंच चुके है। कई मंत्री और सांसद भी एम्स पहुंच रहे है, आज ही संसद का सत्र समाप्त हुआ था। एम्स के डॉक्टरों ने बयान जारी कर दिया है। इसके बाद देशभर से सोशल मीडिया पर शोक की लहर है।

– पीएम और शाह को दी बधाई
सुषमा स्वराज ने ७.२५ बजे पहले ही उन्होंने अपना आखिरी ट्वीट किया गया था, जिसमें उन्होंने अनुच्छेद 370 पर कहा था कि प्रधानमंत्री जी आपका हार्दिक अभिनंदन, मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी। अप्रैल 1990 में वह राज्यसभा सदस्य बनीं। 1996 में चुनाव जीतकर वह वाजपेयी सरकार में सूचना-प्रसारण मंत्री बनीं। वह दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री भी रहीं। 2014 में वह मोदी सरकार में विदेश मंत्री रही। इस दौरान उनके कामकाज को बेहद सराहा गया। बता दे कि सुषमा स्वराज ने नई दिल्ली के सफदरजंग लेन स्थित अपने सरकारी आवास को खाली कर दिया था, इसकी जानकारी भी उन्होंने सभी को दी थी।

– पारिवारिक परिचय
सुषमा स्वराज का जन्म १४ फरवरी १९५२ को हरियाणा राज्य की अम्बाला छावनी में हरदेव शर्मा तथा श्रीमती लक्ष्मी देवी के घर हुआ था। उनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख सदस्य रहे थे। स्वराज का परिवार मूल रूप से लाहौर के धरमपुरा क्षेत्र का निवासी था, जो अब पाकिस्तान में है। उन्होंने अम्बाला के सनातन धर्म कॉलेज से संस्कृत तथा राजनीति विज्ञान में स्नातक किया। १९७० में उन्हें अपने कालेज में सर्वश्रेष्ठ छात्रा के सम्मान से सम्मानित किया गया था। वे तीन साल तक लगातार एस॰डी॰ कालेज छावनी की एन सी सी की सर्वश्रेष्ठ कैडेट और तीन साल तक राज्य की श्रेष्ठ वक्ता भी चुनी गईं। इसके बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ से विधि की शिक्षा प्राप्त की। पंजाब विश्वविद्यालय से भी उन्हें १९७३ में सर्वोच्च वक्ता का सम्मान मिला था। १९७३ में ही स्वराज भारतीय सर्वोच्च न्यायलय में अधिवक्ता के पद पर कार्य करने लगी। १३ जुलाई १९७५ को उनका विवाह स्वराज कौशल के साथ हुआ, जो सर्वोच्च न्यायलय में उनके सहकर्मी और साथी अधिवक्ता थे। कौशल बाद में छह साल तक राज्यसभा में सांसद रहे, और इसके अतिरिक्त वे मिजोरम प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं। स्वराज दम्पत्ति की एक पुत्री है, बांसुरी, जो लंदन के इनर टेम्पल में वकालत कर रही हैं।

– मध्य प्रदेश में बड़ा नेता खोया
मध्य प्रदेश में बड़ा नेता खो दिया है। सुषमा स्वराज हाल में मध्यप्रदेश की विदिशा सीट से लोकसभा की सदस्या चुनी गयीं। वे विदेशी मामलों में संसदीय स्थायी समिति की अध्यक्षा भी हैं। 1965 में उनका विवाह स्वराज कौशल के साथ में हुआ था। कौशल जी 6 साल तक राज्यसभा में सांसद रहे इसके अलावा वे मिजोरम प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। स्वराज कौशल अभी तक सबसे कम आयु में राज्यपाल का पद प्राप्त करने वाले व्यक्ति हैं। सुषमा स्वराज और उनके पति की उपलब्धियों के ये रिकार्ड लिम्का बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकार्ड में दर्ज़ करते हुए उन्हें विशेष दम्पत्ति का स्थान दिया। स्वराज दम्पत्ति की एक पुत्री है जो वकालत कर रही हैं। हरियाणा सरकार में श्रम व रोजगार मन्त्री रहने वाली सुषमा अम्बाला छावनी से विधायक बनने के बाद लगातार आगे बढ़ती गयीं और बाद में दिल्ली पहुँचकर उन्होंने केन्द्र की राजनीति में सक्रिय रहने का संकल्प लिया जिसमें वे आज तक सक्रिय हैं।

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