श्रीनगर (ईएमएस)। केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद स्थानीय नागरिकों द्वारा यहां विरोध प्रदर्शन और पुलिस फायरिंग की कथित खबरों को केंद्रीय गृह मंत्रालय के बाद अब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी सिरे से नकार दिया है। साथ ही पुलिस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के घाटी में गंभीर हालात के दावे पर भी अपनी बात रखी है। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि पथराव की मामूली घटना को छोड़कर किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई है। पिछले एक हफ्ते से घाटी में शांति है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा, ‘घाटी में पुलिस फायरिंग से संबंधित प्रायोजित और शरारतपूर्ण खबरों पर आम लोगों को यकीन नहीं करना चाहिए। पिछले छह दिनों में पुलिस ने भी एक भी गोली नहीं चलाई। इलाके में शांति है और स्थानीय लोग मदद कर रहे हैं।’ वहीं, पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा, ‘पथराव की मामूली घटना को छोड़ कर किसी तरह की अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है, जिससे तत्काल निपट लिया गया था और वहीं रोक दिया गया था।’ उन्होंने लोगों से मनगढ़ंत खबरों पर यकीन नहीं करने को कहा। डीजीपी ने कहा कि कश्मीर में पिछले छह दिनों में गोलीबारी की कोई घटना नहीं हुई है।डीजीपी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान के बाद राज्य की स्थिति के संबंध में यह स्पष्टीकरण दिया। राहुल गांधी ने नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा था कि स्थिति बहुत खराब है। राहुल ने कहा, ‘जो खबरें आ रही हैं उससे हम बहुत चिंतित हैं। बहुत जरूरी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार देश को बताए कि जम्मू-कश्मीर में क्या हो रहा है, वहां हालात कैसे हैं, सब नियंत्रण में है या नहीं।’ गांधी के बयान के कुछ ही मिनट बाद श्रीनगर पुलिस ने ट्वीट किया कि स्थिति शांतिपूर्ण है। ट्वीट में कहा गया, ‘घाटी में स्थिति आज सामान्य थी। किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं मिली। कुछ चुनिंदा स्थानों पर प्रतिबंध अस्थायी रूप से हटाए गए थे।’
कश्मीर के आईजी एसपी पाणी ने भी पुलिस फायरिंग की खबरों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘कुछ इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस फायरिंग का दावा किया गया है, जो पूरी तरह गलत है। ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। पिछले एक हफ्ते से घाटी में शांति है।’ इससे पहले गृह मंत्रालय ने भी ऐसी खबरों को मनगढ़ंत और आधारहीन करार दिया। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि हजारों लोगों के विरोध करने की खबरें गलत है। ज्ञात हो कि एक समाचार एजेंसी की ओर से जारी की गई खबर में श्रीनगर में जुमे के मौके पर 10 हजार लोगों के आर्टिकल 370 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की बात कही गई थी। इस बीच सरकार ने ईद के मौके पर भी जुमे की तरह ही कुछ हद तक सख्ती बनाए रखने का फैसला लिया गया है। घाटी में ईद के मौके पर चरणबद्ध तरीके से धारा 144 को हटाया जाएगा। हालांकि पाबंदियों को पूरी तरह से हटाने की स्थिति 15 अगस्त के बाद ही पैदा होगी। इसकी वजह यह है कि यही वह दौर होता है, जब घाटी में अलगाववादी अपना आंदोलन तेज करते हैं।
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