Home देश-दुनिया पटाखा फैक्ट्री में धमाके का सामने आया सीसीटीवी फुटेज – भीषण विस्फोट में अब तक 23 लोगों की मौत, करीब 30 लोग गंभीर घायल

पटाखा फैक्ट्री में धमाके का सामने आया सीसीटीवी फुटेज – भीषण विस्फोट में अब तक 23 लोगों की मौत, करीब 30 लोग गंभीर घायल

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पटाखा फैक्ट्री में धमाके का सामने आया सीसीटीवी फुटेज – भीषण विस्फोट में अब तक 23 लोगों की मौत, करीब 30 लोग गंभीर घायल

गुरदासपुर (ईएमएस)। गुरदासपुर में बुधवार शाम को पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट में अब तक 23 लोगों की मौत हो गई है और करीब 30 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। एक न्यूज चैनल के पास इस विस्फोट का सीसीटीवी फुटेज है। यह सीसीटीवी फुटेज फैक्ट्री से करीब 100 मीटर की दूरी पर मौजूद एक इमारत में लगे कैमरे की है। इससे साफ देखा जा सकता है कि धमाका इतना तेज था कि आसपास के इलाके में भी काफी तबाही मची। फुटेज में दिख रहा है कि सड़क पर सामान्य तौर पर लोग गुजर रहे हैं और अपने रोजमर्रा के कामों में लगे हैं और अचानक धमाका हो गया, जिसके बाद हर तरफ धूल का गुबार उठा और कुछ भी दिखना बंद हो गया। हादसे के बाद एनडीआरएफ की दो टीमें बचाव कार्य में लगी हैं। बताया जा रहा है कि धमाके के समय फैक्ट्री में 50 से ज्‍यादा मजदूर काम कर रहे थे जिनका अब कोई पता नहीं चल रहा है। मलबे में अभी भी लोगों की तलाश की जा रही है। धमाके को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आर्थिक मदद का ऐलान किया है। ऐलान के मुताबिक मरने वालों के पीड़ित परिवार को 2 लाख रुपए की आर्थिक मदद और गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपए और उनका इलाज अमृतसर के मेडिकल कॉलेज में कराने का ऐलान किया है। इसके साथ मामूली रूप से घायल हुए लोगों को 25 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी।
गुरुदासपुर से बीजेपी सांसद सनी देओल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बटाला की पटाखा फैक्ट्री में धमाके की खबर से दुख हुआ। एनडीआरएफ की टीम और स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है। अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने बटाला फैक्ट्री मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सरकार पर हमला बोला। मजीठिया ने कहा कि जिनकी मौत हुई है, उनके परिवार के लिए मेरी संवेदना है लेकिन मेरा पंजाब सरकार से सवाल है कि आबादी क्षेत्र में ऐसी पटाखा फ़ैक्टरी कैसे चलाई जा रही थी। क्या डीसी को ऐसी फ़ैक्टरी की जानकारी नहीं थी? ऐसा गैर कानूनी काम अफसरों के साथ बिना मिलीभगत नहीं चल सकता। सप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के बाद भी ऐसी फ़ैक्ट्री कैसे चल रही थी। इस सरकार में पहले अमृतसर फिर लुधियाना और अब यहां लगातार ऐसे हादसे हो रहे हैं।

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