कुशीनगर (ईएमएस)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में आईटीआई प्रधानाचार्य पर छेड़खानी का आरोप लगाने वाली महिला कर्मचारी को निलंबित करने का मामला प्रकाश में आया है।
इसके पूर्व महिला ने पिछले 26 अगस्त को वेतन के लिए प्रधानाचार्य को कार्यालय में बंधक बनाया था। जिसके बाद प्रधानाचार्य की तहरीर पर पुलिस ने महिला के खिलाफ कामकाज में अवरोध पैदा करने का केस दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार पडरौना कोतवाली के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र में तैनात महिला कर्मचारी, पति की मौत के बाद वर्ष 1994 से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में तैनात है। विधवा महिला ने प्रधानाचार्य पर पिछले कई महीने से वेतन रोकने का आरोप लगाते हुए पिछले 26 अगस्त को प्रधानाचार्य कक्ष में बाहर से ताला बंद कर बंधक बना लिया। प्रधानाचार्य एक घंटे तक अपने ही कार्यालय में बंधक बने रहे।
बाद में सूचना पर पहुंचे पडरौना कोतवाल ने महिला को समझाकर कार्यालय का ताला खुलवाया और प्रधानाचार्य को मुक्त कराया।
उसके बाद महिला कर्मचारी ने प्रधानाचार्य पर छेड़खानी का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग की, तो प्रधानाचार्य ने कोतवाली में तहरीर सौंप कामकाज में अवरोध पैदा करने का मुकदमा दर्ज करा दिया। साथ ही प्रधानाचार्य ने 28 अगस्त को महिला कर्मचारी को निलंबित कर कसया आईटीआई में अटैच कर दिया। महिला का आरोप है कि पुलिस प्रधानाचार्य के दबाव में काम कर रही है। तीन दिन छुट्टी के बाद मेडिकल पर हूं। शुक्रवार को एसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगाउंगी। अगर न्याय नहीं मिला तो कोर्ट का शरण लूंगी।
इस मामले में राजेश राम, जेडी गोरखपुर ने बताया कि अनुशासन हीनता में महिला कर्मचारी को निलंबित कर कसया आईटीआई में अटैच किया गया है।