Home देश-दुनिया 5000 अतिथि विद्वानों के हड़ताल में जाने से कालेजों की पढ़ाई ठप्प

5000 अतिथि विद्वानों के हड़ताल में जाने से कालेजों की पढ़ाई ठप्प

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5000 अतिथि विद्वानों के हड़ताल में जाने से कालेजों की पढ़ाई ठप्प

इन्दौर/भोपाल (ईएमएस)। हमने प्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था को अपने जीवन के स्वर्णिम 2 दशक दिए हैं और सरकार हमारे नियमितीकरण का वचन देने के बावजूद प्रदेश के बाहरी और जाली दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने की चाह रखने वाले लोगों को नौकरी देने की तैयारी में है।
यह बातें अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा द्वारा आयोजित न्याय यात्रा में शामिल पूरे प्रदेश से आई महिला अतिथि विद्वानों ने चर्चा के दौरान कहीं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश भर के शासकीय महाविद्यालयों में अध्यापन कर रहे अतिथि विद्वान अपने नियमितीकरण की मांग और वचनपत्र 17.22 को पूर्ण करने के लिए इंदौर से राजधानी भोपाल तक न्याय यात्रा निकाल रहे हैं। मोर्चा के संयोजकद्वय डॉ. देवराज सिंह और डॉ. सुरजीत सिंह भदौरिया ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण का वचन देने के बाद 10 माह बीत जाने के बाद भी सरकार ने हमारे लिए कोई नीति नही बनाई है। इससे पूरे प्रदेश के अतिथि विद्वान समुदाय में रोष और असंतोष व्याप्त है। सरकार ने केवल अतिथि विद्वानों का दोहन किया है जबकि किसी भी सरकार ने कभी अतिथि विद्वानों का ख्याल नही रखा।
:: इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में अतिथि विद्वान ::
अतिथि विद्वान नियमितीकरण मोर्चा के प्रवक्ता डॉ. मंसूर अली ने कहा है कि अतिथि विद्वान पिछले 20 वर्षो से अपने अनिश्चित भविष्य के साथ कार्यरत है। हमने प्रत्येक सरकार से अपने संरक्षण की गुहार लगाई है किंतु अतिथि विद्वानों को कुछ मिला है तो केवल आश्वासन। हम इस बार पूरे प्रदेश से यह निश्चय करके राजधानी की ओर रुख किया है कि सरकार से हमे अपनी नियमितीकरण की मांग पूरी करवानी ही है।
:: न्याययात्रा पहुँची राजधानी के पास ::
यात्रा में साथ चल रहे अतिथि विद्वानद्वय डॉ. जेपीएस चौहान और डॉ. आशीष पांडेय ने कहा है कि यह न्याय यात्रा लगातार इंदौर से चलती हुई राजधानी भोपाल के करीब दस्तक दे रही है। इस न्याय यात्रा में पूरे प्रदेश से आये हज़ारों अतिथि विद्वान साथी शामिल हैं। जिनका बढ़ता हुआ जनकारवां जल्द नीलम पार्क भोपाल पहुचने वाला है।
:: नीलम पार्क में होगा जंगी प्रदर्शन ::
आज न्याय यात्रा बैरागढ़ पहुच गई है और रात्रि विश्राम के बाद 12 अक्टूबर को हज़ारों अतिथि विद्वान नीलम पार्क के लिए मार्च करेंगे जहां पर एक आम सभा का आयोजन किया गया है। अतिथि विद्वानों ने सरकार से कहा है कि सरकार जल्द अपने वचनपत्र 17.22 को पूर्ण करते हुए हमारे लिए नीति निर्माण करें। अन्यथा अतिथि विद्वान भोपाल से हटने वाले नही है।
:: महिला अतिथि विद्वानों के पैरों में छाले पड़े ::
यात्रा में साथ चल रही सैकड़ों महिला अतिथि विद्वानों के पैरों में लगातार चलते रहने के कारण छाले पड़ गए हैं। लेकिन पैरों के छाले भी उनके हौसलो को पस्त नही कर पा रहे हैं। न्याय यात्रा बेहद संगठित रूप से लगातार इंदौर से चलते हुए भोपाल आ पहुची है। इस दौरान अतिथि विद्वानों ने जिस संगठन और ज़िम्मेदारी का परिचय दिया है वह काबिले तारीफ है। यहां तक कि अतिथि विद्वान यात्रा से ट्रैफिक व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए स्वयं पूरा जोर लगाए हुए है।

: न्याय पदयात्रा : हज़ारों अतिथि विद्वानों का काफिला राजधानी के नज़दीक बैरागढ़ पहुँचा ::


:: इन्दौर से 4 अक्टूबर को शुरू हुई थी ‘न्याय पदयात्रा’ ::
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा विगत 4 अक्टूबर से वचनपत्र स्मरण कराने के उद्देश्य से न्याय यात्रा निकाल रहा है। अतिथि विद्वानों के भारी जनसैलाब के साथ न्याय यात्रा लगातार जारी है। अतिथि विद्वानों की न्याय पदयात्रा इंदौर के अन्नपूर्णा मंदिर से प्रारंभ होकर देवास नाका, देवास, सोनकच्छ, आष्टा, अमलाहा, सीहोर, खजूरी फंदा होते हुए शुक्रवार 11 अक्टूबर को बैरागढ़ पहुंची है, यहां रात्रि विश्राम के पश्चात शन‍िवार को भोपाल का रुख करेंगे। 12 अक्टूबर को अतिथि विद्वान बड़ी संख्या में राजधानी भोपाल में प्रवेश करेंगे, जहां पर नीलम पार्क में अतिथि विद्वानों की विशाल सभा का आयोजन किया गया है।
:: महिल अतिथि विद्वान साथी डटी मोर्चे पर ::
उल्लेखनीय है कि कार्यरत अतिथि विद्वानों में लगभग 50% महिला साथी कार्य कर रही है। सरकार से न्याय यात्रा के माध्यम से वे भी न्याय की गुहार लगा रही है। पिछली सरकार के विरोध स्वरूप महिला अतिथि विद्वान ने अपना मुंडन तक करा दिया था। इस बार बड़ी संख्या में महिला साथी इस मुहिम में साथ है।
:: वरिष्ठ अतिथि विद्वान संभाल रहे है प्रबंधन ::
न्याय यात्रा के प्रत्येक चरण में युवा और वरिष्ठ अतिथि विद्वान शानदार सामंजस्य से भोपाल की ओर आगे बढ़ रहे हैं। यात्रा का प्रबंधन संभाल रहे अतिथि विद्वानों में डॉ. अजब सिंह राजपूत, डॉ. अमिताभ मिश्रा, डॉ. यश कुमार सिंह, डॉ. राहुलदेव अवस्थी, डॉ. अमित द्विवेदी, डॉ. विकास जैन, डॉ. चंद्रमणि मिश्र, डॉ. राजेन्द्र पटेल, डॉ. नंदलाल डेहरिया, डॉ. सी.बी. चंदेल, डॉ. विकास मिश्रा, डॉ. विजय राजौरिया, डॉ. राजू रैदास, डॉ. सुनीता सोलंकी, डॉ. मनीषा पांडेय शामिल है। जबकि यात्रा के सीहोर पहुंचने पर स्थानीय स्तर पर यात्रा के शामिल सभी अतिथि विद्वान साथियों के रात्रि विश्राम एवं भोजन की व्यवस्था स्थानीय साथी डॉ. रामकरण अहिरवार, डॉ. गोविंद राठौर, डॉ. संजय पांडे तथा डॉ. राजकुमार राय ने की।

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