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लॉकडाउन की फुर्सत ने बढ़ाई कामक्रीड़ा, प्रिगनेंसी किट और कंडोम की मांग में इजाफा -एंटीबायोटिक दवाओं की बिक्री घटी, दर्द निवारक दवाओं की बिक्री बढ़ी

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नई दिल्ली (ऐजेंसी)। कोरोनाकाल में देश में जारी लॉकडाउन के बीच लोग घरों में कैद है ऐसे में उनका बाहर निकलना लगभग बंद है। ऐसे में घरों में बंद होने के कारण जोड़े हर काम साथ साथ कर रहे हैं। वे साथ मिल कर खाना बना रहे हैं, घरों की सफाई कर रहे हैं, साथ ही कपड़े भी धो रहे हैं और इस बीच उनके बीच शारीरिक क्रीड़ा भी बढ़ गई है। हालांकि, वे इस दौरान अनवांटेड प्रिगनेंसी (अनचाहा गर्भ) को टालना भी चाहते हैं। यही वजह है कि इन दिनों कंडोम, गर्भ निरोधक गालियां आदि की मांग में खासा इजाफा हुआ है। यही नहीं, इन दिनों प्रिगनेंसी टेस्ट कार्ड की मांग में तो 50 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है। इन दिनों एंटीबायोटिक दवाओं की मांग में कमी आई है।
अपोलो फार्मेसी की गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित आउटलेट के एक फार्मासिस्ट का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान कंडोम, गर्भ निरोधक गोलियां और प्रिगनेंसी किट की बिक्री बढ़ गई है। पर, उन्होंने इस बारे में कोई नंबर शेयर करने से मना कर दिया। इस बारे में सिर्फ इतना बताया कि लॉकडाउन से पहले महीने में गर्भ निरोधक गोली की पांच-छह डिब्बा बिक जाता था, लेकिन इन दिनों हर हफ्ते 10 से ज्यादा डिब्बे बिक रहे हैं। यही हालत कंडोम और प्रिगनेंसी टेस्ट कार्ड का भी है।
दिल्ली के मयूर विहार इलाके में जन औषधि आउटलेट में काम करने वाले एक फार्मासिस्ट का कहना है कि उनके यहां कंडोम की बिक्री में 10 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है जबकि प्रिगनेंसी टेस्ट कार्ड की बिक्री तो 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है। उनका कहना है कि जन औषधि में प्रिगनेंसी टेस्ट कार्ड की कीमत महज 20 रुपये है जबकि अन्य कंपनियों का कार्ड 50 रुपये में आता है। इसलिए कोई भी ग्राहक इन दिनों दो से कम टेस्ट कार्ड तो खरीद ही नहीं रहा है। उनके मुताबिक सामान्य दिनों में एक हफ्ते के दौरान 5-7 टेस्ट कार्ड ही बिकते थे जबकि इस समय हर रोज इतने कार्ड बिक जाते हैं। उनका कहना है कि लोग घर में ही जांच कर संतुष्ट होना चाहते हैं कि कहीं प्रीगनेंसी की तो स्थिति नहीं है। यही स्थिति गर्भ निरोधक गोलियों की भी है।
उनका कहना है कि आम दिनों में एंटीबायोटिक की बिक्री सदाबहार रहती है। जन औषधि स्टोर में हर दूसरा ग्राहक एंटीबायोटिक दवाएं ही खरीदने को आता है। लेकिन इन दिनों इसकी बिक्री कुछ कम हो रही है। हो सकता है कि लोग इन दिनों साफ सफाई पर ज्यादा जोर दे रहे हों और उन्हें इंफेक्शन कम हो रहा है। इन दिनों भले ही एंटीबायोटिक दवाओं की बिक्री घटी हो, लेकिन दर्द से जुड़ी दवाओं की बिक्री बढ़ी है। एक मेडिकल स्टोर के सेल्समैन का कहना है कि आमतौर पर लोग पेरासिटामोल तथा सरदर्द तथा बदन दर्द में काम आने वाली दवाएं खरीद कर ले जा रहे हैं। यही नहीं, दर्द में लगाये जाने वाले जेल और स्प्रे की बिक्री भी बढ़ गई है। दिल्ली के हिंदूराव अस्पताल के सीएमओ और मनोचिकित्सक डॉक्टर जितेंद्र कुमार का कहना है कि आमतौर पर जब लोग तनावमुक्त और फुर्सत के क्षणों में रहते हैं, तभी खुल कर शारीरिक क्रिया का आनंद लेते हैं। लॉकडाउन में अधिकांश लोग फुर्सत में ही है इसलिए ऐसा होना स्वाभाविक है।

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