Home दुनिया चीन की शह पर डब्लूएचओ का तुगलकी फरमान भारत की हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा...

चीन की शह पर डब्लूएचओ का तुगलकी फरमान भारत की हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा पर लगाई रोक

228
0
Listen to this article

नई दिल्ली (एजेंसी)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का कोविड-19 के मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अस्थायी तौर पर रोकने का फैसला किया है। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि इस दवाई से कोरोना मरीजों को फायदा होने के बजाए ज्यादा नुकसान है। डब्लूएचओ के इस फैसले पर सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं और इसे चीन से जोड़ रहे हैं। खास बात ये है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप विश्व संस्था पर चीन की तरफदारी का आरोप लगा चुके हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में दुनियाभर के रिसर्च प्रकाशित करने वाली मशहूर पत्रिका द लैंसेट ने दावा किया था कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन लेने वाले कोरोना मरीजों के मौत की संख्या दवा नहीं लेने वाले मरीजों की संख्या में ज्यादा है।
चीन की तरफ उठी उंगुली
इस फैसले के पीछे सोशल मीडिया पर लोग चीन का हाथ बता रहे हैं। क्योंकि बाकी किसी अन्य ड्रग के ट्रायल पर रोक नहीं लगी है बल्कि भारत में बनने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर रोक लगी है। नेल्सन एफ सिल्वा नामक एक ट्वीटर यूजर ने लिखा प्रिय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। चीन ने अपने लैब में कोरोना के इलाज के लिए वैक्सीन की खोज कर ली है। और इसके परिणामस्वरूप डब्लूएचओ ने चीन के आग्रह पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर रोक लगा दी है।
ब्राजील बोला, जारी रखेंगे इस्तेमाल
इस बीच, ब्राजील ने कहा है कि डब्लूएचओ के ट्रायल पर अस्थायी तौर पर रोक लगाने के बाद भी वह कोविड-19 के इलाज के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगाएगा। ट्रंप के तरह ही ब्राजील के राष्ट्रपति ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो ने भी कोरोना वायरस के इलाज के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल की वकालत की थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here