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सुप्रीम कोर्ट में आरबीआई का हलफनामा, 6 महीने के दौरान ब्याज माफी को बताया गलत

नई दिल्ली (एजेसी)। कोरोनाकाल में जारी लॉकडाउन के दौरान कर्ज की किस्त के भुगतान में ब्याज पर छूट की मांग के मामले में अगली सुनवाई 12 जून को होगी। आज सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते में वित्त मंत्रालय और अन्य पक्षकार आरबीआई के हलफनामे पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट में आरबीआई ने हलफनामा दायर कर 6 महीने की मोराटोरियम अवधि के दौरान ब्याज माफी की मांग को गलत बताया है। आरबीआई ने कहा कि लोगों को 6 महीने का ईएमआई अभी न देकर बाद में देने की छूट दी गई है, लेकिन इस अवधि का ब्याज भी नहीं लिया गया तो बैंकों को 2 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा। सुप्रीम कोर्ट में आरबीआई ने एफिडेविट दाखिल कर कहा है कि 6 महीने के लिए ईएमआई देने में जो छूट दी गई है, उस अवधि का ब्याज नहीं लेने से बैंक का 2 लाख करोड़ का नुकसान होगा। ईएमआई अभी न देकर बाद में देने की छूट दी गई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मोराटोरियम अवधि में ब्याज में छूट की मांग की गई है। इस याचिका पर आरबीआई से जवाब देने को कहा गया था। शुक्रवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।

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