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लॉकडाउन में पूरा वेतन देने के मुद्दे पर शीर्ष कोर्ट ने केंद्र से मांगा विस्तृत हलफनामा

नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना के चलते देश में लागू लॉकडाउन में मजदूरों के वेतन से जुड़ी याचिका पर देश की सर्वोच्च अदालत में आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले में केंद्र सरकार को 4 हफ्ते में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा है। जब तक किसी उद्योग पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट को यह फैसला करना है कि मजदूरों को पूरा वेतन दिया जाए या नहीं। अब जुलाई के आखिरी हफ्ते में सुनवाई होगी। दरअसल, केंद्र सरकार ने ऑर्डर दिया था कि 54 दिन का वेतन देना होगा। लेकिन इसके खिलाफ कई कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने श्रम संगठनों और उद्योग मालिकों से बीच का रास्ता निकालने पर विचार करने को कहा है। कहा गया है कि उद्योग और मजदूर एक दूसरे पर निर्भर करते हैं। इसलिए दोनों पक्ष समाधान की कोशिश करें। कहा गया है कि इसमें श्रम विभाग की मदद ली जा सकती है।
कंपनियों का पूरा वेतन न देने के पीछे तर्क खुद नुकसान में होना है। जैसे एक कपड़ा कंपनी ने गृह मंत्रालय की तरफ से 29 मार्च 2020 को जारी सरकारी आदेश की वैधानिकता को चुनौती दी थी। कंपनी ने कहा था कि 25 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने के बाद से काम बंद है और याचिका दायर किए जाने (25 अप्रैल) तक डेढ़ करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। याचिका में कहा गया, ‘साथ ही 29 मार्च 2020 और 31 मार्च 2020 के आदेशों के मुताबिक याचिकाकर्ता को पेरोल के सभी कर्मचारियों को पूरा वेतन देना होगा जो लगभग एक करोड़ 75 लाख रुपये बनता है।’

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