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कोरोना फेफड़े, लीवर और किडनी को पहुंचा सकता है नुकसान -शोधकर्ताओं ने ‎किया यह बडा दावा

नई दिल्ली (एजेंसी)। शोधकर्ताओं का दावा है कि यह वायरस फेफड़े, लीवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे लोगों में कोविड-19 की जटिलताओं को समझा जा सकता है। शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में लघु अंगों को विकसित किया है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि कोरोना वायरस शरीर को कैसे और कितना नुकसान पहुंचाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार इन ऑर्गेनाइड्स (कृत्रिम रूप से निर्मित कोशिकाओं या ऊतकों का समूह जो अंगों जैसे दिखते हैं) के अध्ययन से पता चला है कि वायरस का हमला फेफड़े से लीवर, किडनी और आंतों तक होता है। शोधकर्ता दवाओं के साथ इन अंगों पर प्रयोग कर रहे हैं कि ताकि यह देखा जा सके कि इस तरह का उपचार लोगों के लिए उम्मीद हो सकता है या नहीं। चिकित्सक जानते हैं कि कोरोना वायरस का मानव शरीर पर विनाशकारी प्रभाव होता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह नुकसान सीधे वायरस के द्वारा होता है या फिर संक्रमण की दूसरी जटिलताओं के माध्यम से। शोधकर्ताओं के अनुसार कई समूह ऑर्गेनाइड्स के अध्ययन में जुटे हैं।
यह पता लगाने के लिए कि शरीर में वायरस कहां जाता है और इससे कौनसी कोशिकाएं संक्रमित होती हैं और कैसे नुकसान होता है। फेफड़ों से सार्स-सीओवी-2 अन्य अंगों में फैल सकता है, लेकिन शोधकर्ताओं को तब तक यकीन नहीं था जब तक कि मोंटसेराट और उनके सहयोगियों द्वारा 4 मई को सेल में अध्ययन प्रकाशित नहीं हुआ। इसमें बताया कि वायरस कैसे यात्रा कर रहा था। ऑर्गेनाइड्स प्रयोगों में, उन्होंने दिखाया कि सार्स-सीओवी-2 अंत:स्तर को संक्रमित कर सकता है। कोशिकाएं रक्त वाहिकाओं की परत बना सकती हैं, जो वायरल पार्टिकल्स को रक्त में मिलने और पूरे शरीर में प्रसारित करने की अनुमति देती हैं। कनाडा के वैंकूवर में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के जेनेटिक इंजीनियर जोसफ पेनिंगर कहते हैं कि कोविड-19 वाले लोगों में क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाओं की पैथोलॉजी रिपोर्ट भी इस परिकल्पना का समर्थन करती हैं। ऑर्गेनाइड्स के जरिए यह निरीक्षण किया जाता है कि सार्स-सीओवी-2 श्वसन तंत्र प्रणाली की कोशिकाओं में ऊपरी वायुमार्ग से प्रवेश के बाद फेफड़ों में क्या करता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार जापान के क्योटो विश्वविद्यालय के स्टेम सेल बायोलॉजिस्ट कजुओ ताकायामा और उनके सहयोगियों ने चार प्रकार के ब्रोंकियल ऑर्गेनाइड्स विकसित किए हैं। सार्स-सीओवी-2 वायरस से ऑर्गेनाइड्स को संक्रमित किया तो पाया कि वायरस ने मुख्य रूप से स्टेम सैल को लक्ष्य बनाया। कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार बहुत से लोग प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का अनुभव करते हैं, जिसे साइटोकिन तूफान के नाम से जाना जाता है और यह बहुत घातक होता है और इससे मृत्यु तक हो सकती है। न्यूयॉर्क की वेल कॉर्नेल मेडिसिन के स्टेम सैल बायोलॉजिस्ट शुइबिंग चेन ने छोटे फेफड़े के जरिए दिखाया है कि ऊपरी वायुमार्ग से वायरस फेफड़ों में प्रवेश करता है और इसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने बताया कि कुछ कोशिकाएं संक्रमित होने के बाद मर जाती हैं और यह वायरस कीमोकिंस और साइटोकाइनेस-3 प्रोटीन के उत्पादन के लिए प्रेरित करता है, जो कि प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को गति प्रदान कर सकता है।

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