नई दिल्ली (एजेंसी)। चीन पूर्वी लद्दाख सीमा पर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और नए मोर्चों पर अपनी ताकत बढ़ा रहा है। लेकिन उसके किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए भारत ने सीमा पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और उम्मीद की जा रही है कि इससे चीन को कोई भी बड़ा कदम उठाने से पहले 100 बार सोचना पड़ेगा। भारतीय सेना को फोकस दौलत बेग ओल्डी-दपसांग सेक्टर पर है। सेना प्रमुख एम एम नरवणे ने हाल में पूर्वी लद्दाख में फॉरवर्ड इलाकों में तैयारियों का जायजा लिया था। माना जा रहा है कि उन्होंने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सेना की तैयारियों की जानकारी दी। इसके बाद उनकी शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भी बैठक हुई। सेना के अधिकारियों का मानना है कि सीमा पर भारत की तैयारियों को देखते हुए पीएलए किसी बड़े दुस्साहस का जोखिम लेने से बचेगी। चीन ने पूर्वी लद्दाख में भारी संख्या में अपने सैनिकों और हथियारों की तैनाती की है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि चीन खासकर सामरिक महत्व से दौलत बेग ओल्डी-देपसांग इलाके में किसी बड़े दुस्साहस की हिमाकत नहीं करेगा।
भारत की पूरी तैयारी
भारत ने भी पूर्वी लद्दाख में हजारों अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है। साथ ही वहां भारी संख्या में टैंक, इंफैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स और हॉवित्जर तोपों को भी तैनात किया गया है। इसके अलावा एयरफोर्स को भी अलर्ट पर रखा गया है। सुखोई-30 एमकेआई और मिग-29 लगातार सीमा पर चीन की हरकतों पर नजर बनाए हुए हैं। यानी चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत की सेना पूरी तरह तैयार है। एक सूत्र ने कहा कि फॉरवर्ड इलाकों में हम बेहतर स्थिति में हैं। वहां अहम ठिकानों पर अतिरिक्त सैनिकों और हथियारों को तैनात किया गया है। लेकिन एलएसी पर खासकर गलवान घाटी और पैंगोंग सो इलाकों में तनातनी और झड़पों से इनकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि वहां लगातार तनाव बना हुआ है। हालांकि दोनों सेनाओं ने एक दूसरे से स्टैंड ऑफ डिस्टेंस बना रखी है।
पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर दावा
चीन पूरी आक्रामकता के साथ गलवान घाटी में पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर अपना दावा कर रहा है। इसी जगह 15 जून की रात दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी। पीएलए की मांग है कि भारतीय सैनिकों को श्योक और गलवान नदी के संगम को पार नहीं करना चाहिए।
महीनों तक रह सकती है तनातनी
एक अन्य सूत्र ने कहा कि ग्राउंड पर दोनों सेनाएं उसी तरह आमने-सामने डटी हैं। केवल कुछ वाहनों को आगे पीछे किया गया है। इस स्थिति को सुलझने में कई महीने लग सकते हैं। यह स्थिति अक्टूबर तक बनी रह सकती है। हम वेट एंड वॉच मोड में हैं। सूत्र ने कहा कि चीन एलएसी की स्थिति बदलने की हरकत कर सकता है लेकिन इसके लिए उसे ज्यादा तैयारी करनी होगी क्योंकि भारत ने अपनी तैयारी ढ़ा दी है। ग्राउंड पर अभी चीन के ऐसी कोई तैयारी नहीं दिख रही है।