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आफत बनी आकाशीय बिजली -बिहार और उत्तर प्रदेश के 31 जिलों में हुई घटनाएं

नई दिल्‍ली (एजेंसी)। देश के बिहार और उत्तर प्रदेश के 31 जिलों में गुरुवार को 107 लोगों की मौत हो गई। इनमें 83 बिहार के और 24 उत्तर प्रदेश के थे। दोनों ही राज्यों ने मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की। मौसम विज्ञानियों ने चेतावनी दी है कि अगले 72 घंटे में आकाशीय बिजली के साथ बारिश हो सकती है। आइए जानते हैं कि प्राकृतिक आपदाओं में कैसे आकाशीय बिजली सबसे बड़ी आपदा साबित हो रही है। यह प्राकृतिक आपदा जो बहुत सी मौतें के लिए जिम्मेदार है, उसे देश की आपदा राहत नीति में मान्यता नहीं मिली है, जिसका अर्थ है कि पीड़ितों या उनके परिवारों को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से वित्तीय मुआवजा नहीं दिया जा सकता है। हालांकि कुछ राज्य सरकारों ने मुआवजा देने के लिए आकाशीय बिजली को आपदा माना है। यह केंद्र द्वारा राज्य सरकारों को अपने आपदा राहत कोष का 10 फीसद विशिष्ट आपदाओं के लिए आवंटित करने के निर्देश के बाद किया गया है।जब ठंडी हवा संघनित होकर बादल बनती है तब इन बादलों के अंदर गर्म हवा की गति और नीचे ठंडी हवा के होने से बादलों में धनावेश (पॉजिटिव चार्ज) ऊपर की ओर एवं ऋणावेश (निगेटिव चार्ज) नीचे की ओर होता है। बादलों में इन विपरीत आवेशों की आपसी क्रिया से विद्युत आवेश उत्पन्न होता है। इस प्रकार आकाशीय बिजली उत्पन्न होती है। फिर धरती पर पहुंचने पर आकाशीय बिजली बेहतर कंडक्टर (संचालक) को तलाशती हैं, जिससे वह गुजर सके। इसके लिए धातु और पेड़ उपयुक्त होते हैं। बिजली अक्सर इन्हीं माध्यमों से पृथ्वी में जाने का रास्ता चुनती है। खराब मौसम में बिजली गिरने से 2001 और 2014 के मध्य 40 फीसद लोग मारे गए। 2005 के बाद से हर साल बिजली गिरने से 2 हजार से अधिक की मौत हुई। 2018 में प्रकृति की शक्तियों के कारण 6,891 लोगों की मौत हुई, इनमें 2,357 या 34 फीसद आकाशीय बिजली के कारण हुई। यह एक दिन में छह से अधिक मौतें हैं। यह बाढ़ (500), भूस्खलन (404), ठंड (757) और गर्मी (890) के कारण संयुक्त रूप से हुई मौत के करीब था। शायद आकाशीय बिजली भारत की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा है।बर्कले विश्वविद्यालय के 2014 के एक अध्ययन के अनुसार, वैश्विक तापमान में हर एक डिग्री के इजाफे के साथ आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में 12 फीसद का इजाफा हुआ है। अनुमान है कि इस सदी के आखिरी तक आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में करीब 50 फीसद का इजाफा हो जाएगा। बिजली गिरने से हर साल सैकड़ों लोग मारे जाते हैं।

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