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आईटीआई पास सूरत का शख्स बनाता था नकली टोसिलिजुमैब इंजेक्शन

अहमदाबाद,(एजेसी) एक ओर कोरोना संकट के दौर में लोग अपनी और परिवार की जान बचाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं, दूसरी ओर ऐसे भी लोग हैं जो अपनी जेबें भर रहे हैं| कुछ समय पहले राज्य के खाद्य एवं औषध विभाग ने टोसिलिजुमेब के गोरखधंधे का पर्दाफाश किया था| अब इस इंजेक्शन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है| सूरत में रहनेवाले सोहेल इस्माइल नामक शख्स अपने घर में नकली टोसिलिजुमेब इंजेक्शन बनाता था| खाद्य एवं औषध विभाग के आयुक्त डॉ. एचजी कोशिया के सूरत से टोसिलिजुमेब इंजेक्शन का जो जखीरा पकड़ा गया है, वह नकली है| आईटीआई पास सोहेल इस्माइल अपने घर में सामग्री लाकर स्टीरोइड की मदद से टोसिलिजुमेब इंजेक्शन बनाता था| सूरत में सोहेल इस्माअइल ताई के घर पर छापा मारकर एक फिलींग मशीन, सिलिंग मशीन, कोडिंग मशीन, नकली द्रव्यु पदार्थ, पैकिंग मैटेरियल व मिनी मशीन के साथ करीब 8 लाख की कीमत का माल व मशीनरी बरामद की है। कोसिया ने बताया कि नकली इंजेक्सन स्टीरोइड की मात्रा अधिक पाई गई| नकली इंजेक्शन के कंटेंट के बारे में स्वीट्जरलैंड की रोश कंपनी जांच करेगी| कंपनी ने इंजेक्शन के लिए जापान में प्लांट लगाया गया है| उत्पादन के बाद कंपनी यह इंजेक्शन स्वीट्जरलैंड भेजती है और भारत की सिप्ला कंपनी टोसिलिजुमेब इंजेक्शन स्वीट्जरलैंड से खरीदती है| उन्होंने बताया कि यह इंजेक्शन भारत में 30 से 40 हजार रुपए में मिलता है| यह इंजेक्शन मोनोक्रोनल एन्टी बॉडी होता है और मरीज के वजन के मुताबिक उसे दिया जाता है|

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