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डीजीपी ने गुजरात पुलिस नियमावली का मसौदा मुख्यमंत्री को सौंपा

अहमदाबाद (एजेसी)| मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को गुरुवार को गांधीनगर में राज्य के पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव संगीता सिंह की मौजूदगी में गुजरात पुलिस नियमावली-2020 का मसौदा सौंपा। इस मौके पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन और इस नियमावली को तैयार करने में सहयोग देने वाले वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे। वर्ष 1975 में गुजरात राज्य की पुलिस नियमावली तैयार होने के बाद पहली बार यह नई पुलिस नियमावली-2020 लगभग 45 वर्षों की अवधि के बाद तैयार की गई है। मौजूदा समय में नई पुलिस नियमावली तैयार करने वाला गुजरात आंध्र प्रदेश के बाद दूसरा राज्य बना है।

पुलिसिंग के अधिनियम, प्रक्रियाएं, नियम और तकनीक में समय-समय पर हुए व्यापक परिवर्तन के चलते 1975 में तैयार हुई नियमावली समकालीन पेशेवर संदर्भ में अप्रचलित, पुरानी और असंगत थी। पुलिस नियमावली के पुराने नियमों की समीक्षा और संशोधन कर गुजरात पुलिस के लिए सटीक, सर्वग्राही, सुव्यवस्थित और संपूर्ण पुलिस नियमावली तैयार करने के भाग के रूप में गुजरात पुलिस नियमावली-2020 का मसौदा तैयार किया गया है। गुजरात पुलिस नियमावली के इस नए मसौदे को ई-बुक के माध्यम से भी उपलब्ध कराया गया है इसलिए यह ई-बुक पॉकेट-कॉप एप्लीकेशन और गुजरात पुलिस की वेबसाइट पर सर्च की सुविधा के साथ उपलब्ध रहेगा।

गुजरात पुलिस के तमाम संवर्ग के अधिकारी आसानी से समझ सकें और इसका उपयोग कर सकें इस उद्देश्य से गुजरात पुलिस नियमावली के मसौदे को गुजराती भाषा में भी उपलब्ध कराया जाएगा। इतना ही नहीं, समयानुकूल आवश्यक सुधार की गुंजाइश भी होगी। गुजरात पुलिस मैनुअल-2020 के मसौदे को तीन हिस्सों में तैयार किया गया है। इन तीन हिस्सों में दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी), साक्ष्य अधिनियम, पोस्को अधिनियम 2012, अनुसूचित जाति और जनजाति संशोधन अधिनियम 2015, जुवेनाइल जस्टिस (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन अधिनियम-2014, आईटी (संशोधन) अधिनियम 2008 को शामिल किया गया है।

इसके अलावा, इन तीन हिस्सों में नई तकनीक जैसे की साइबर फोरेंसिक लैब, साइबर क्राइम जांच उपकरण, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टूल्स तथा अन्य लागू किए गए संशोधनों का भी समावेश किया गया है। यही नहीं, नए आर्थिक अपराधों मल्टी लेवल मार्केटिंग, जाली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन) के मामले, मानव तस्करी, मादक पदार्थों की तस्करी, साइबर अपराध और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद जैसी संगठित आपराधिक गतिविधियों को नियंत्रित करने की प्रक्रिया का भी इस गुजरात पुलिस मैनुअल के तीन हिस्सों में शामिल किया गया है। यह नया गुजरात पुलिस मैनुअल नागरिकों की निरंतर सेवा, अभेद्य सुरक्षा और अखंड शांति प्रदान करने के लिए तत्पर गुजरात पुलिस के पेशेवर दृष्टिकोण को और असरदार बनाने में मदद करेगा।

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